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सुरीली-मीठी आवाज का राज

एआर राय

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मीठी,स्पष्ट लहजे वाली और मन में गहरे उतर जाने वाली आवाज सभी चाहते हैं। यह आपको मिलती भी है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ इसका असर कम होता जाता है। अगर आप अपनी आवाज पर उम्र का असर नहीं होने देना चाहते,तो ये उपाय अपनाएं।

गला तर कीजिए
इसका मतलब पानी तथा नारियल पानी जैसे कुछ पेय पदार्थों से है। आपकी वोकल कॉर्ड्‌स हमेशा अपने आस-पास उपस्थित ग्लैंड्स से निकलने वाले लार जैसे पदार्थ से चिकनी बनी रहती हैं। इस चिकनेपन को बनाए रखने के लिए शरीर को पर्याप्त नम बनाए रखने की जरूरत होती है। तो बस गला तर करते रहिए।

चटपटा हो सकता है खतरनाक
बहुत ज्यादा मसालेदार, चटपटा तथा चरबीयुक्त भोजन भी गले के लिए खतरनाक हो सकता है। पेट में होने वाली गड़बड़ियों के फलस्वरूप 'एसिड रिफ्लक्स' जैसी दिक्कत पनप सकती है। इससे गला बार-बार चोक होता है व आवाज पर असर पड़ता है।

रोज बक-बक कीजिए
रोजाना कुछ देर की गई बातचीत वोकल कॉर्ड्स को एक तरह की कसरत करवाती हैं और इन्हें लंबे समय तक जवान बनाए रखती हैं।

ठंडे-ठंडे पानी में...
शॉवर के नीचे नहाते हुए गाना गाने से आपकी 'लैरिंक्स' (कंठ) की मांसपेशियां ताकतवर बनी रहती हैं। साथ ही वॉइस बॉक्स में चिकनापन बना रहता है।

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चिल्लाओ मत
इससे वोकल कॉर्ड्स को खुलने-बंद होने में परेशानी होगी। अगर ऐसा बार-बार हुआ तो कॉर्ड्स में नोड्यूल्स यानी सेल्यूलोज जैसा जमाव हो सकता है। इससे कंठ की मांसपेशियां जल्दी थकेंगी और आराम की स्थिति में नहीं रहेंगी।

दांतों की हिफाजत
जी हां, जब आप कोई भी दांत खोते हैं तो जबड़े की हड्डी ढीली हो जाती है। परिणामस्वरूप आपका चेहरा अंदर की ओर धंसने लगता है और अब मुंह की मसल्स बोलने में पहले जैसी मदद नहीं कर पातीं। साथ ही जबान को भी बोलते समय मुंह में गति करने में दिक्कत आती है। इसलिए कोशिश करें कि बेवजह दांतों को नुकसान न पहुंचे।

ठीक से खड़े रहो
थके और ढीले तरीके से खड़े रहने-बैठने से भी आवाज पर असर पड़ता है। इसके कारण पूरी वोकल ट्रेक्ट बदल जाती है।

शराब और सिगरेट...छी...छी...
धूम्रपान के कारण लैरिंक्स की कुदरती नमी सूख जाती है और वोकल कॉर्ड्स का काम करना बंद हो सकता है, वहीं निकोटिन जैसे पदार्थ गैस्ट्रिक रिफ्लक्स भी पैदा करते हैं और धूम्रपान से पैदा होने वाली गरमी वोकल कॉर्ड्स पर धब्बे बना देती है, जो नुकसानदायक है। इसी तरह अल्कोहल गले में मौजूद म्यूकस मेम्ब्रेन को खतरनाक बना सकता है।

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कभी-कभी चुप भी रहिए
इसका मतलब है कि परेशानी के समय थोड़ा विराम भी लें। अगर बहुत ज्यादा सर्दी-खांसी के दौरान भी आप लगातार बोलते रहे तो वोकल कॉर्ड को दिक्कत आ सकती है।

व्यायाम यहां भी जरूरी
व्यायाम से फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है। खासतौर पर पेट को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज कीजिए। इससे गहरी सांस लेने में मदद मिलेगी और आवाज बेहतर बनेगी।

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