दुनिया में आज भी आयुर्वेदिक दवा कारगर मानी जाती है। इसका सेवन करने से जड़ से बीमारियों को खत्म करने में सफलता मिली है। कई जड़ी बूटी ऐसी है जिनका का सदियों से उपयोग किया जा रहा है और आज भी जारी है। उन्हीं में से है सफेद मूसली और काली मूसली। का सेवन किया जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है सफेद मूसली और काली मूसली? और क्या है इनके 10 फायदे -
सफेद मूसली क्या है?
सफेद मूसली एक चमत्कारिक औषधि है। यह भारत के जंगलों में पाई जाती है। इसके प्रयोग से कई सारे रोगों में आराम मिलता है। यह दुर्लभ जड़ी-बूटियों में से एक है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के मुताबिक इसे जल्द ही लुप्त होने वाली जड़ी-बूटियों में रखा गया है। इसका पौधा भारत के जंगलों में पाया जाता है। इसके कई सारे लाभ है। आइए जानते हैं -
1.सफेद मूसली के सेवन से मधुमेह के इलाज में काफी सहायता मिलती है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सफेद मूसली ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मदद करती है।
2. इसके सेवन से पेट पर जमा चर्बी कम होती है। शरीर का मोटापा कम करने में यह काफी कारगर मानी जाती है।
3.इसका सेवन करने से यूरिन में हो रहीं जलन में राहत मिलती है। इलायची के साथ दूध में मिलाकर इसका सेवन करने से आराम मिलता है।
4.महिलाओं को शारीरिक समस्या या अन्य समस्याओं में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही इसके सेवन से खूबसूरती भी बढ़ती है।
5. अगर आप पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं तो मूसली का सेवन कीजिए। करीब सप्ताह भर तक इसका सेवन करने से आराम मिल जाता है। इसके लिए सफेद मूसली और इन्द्रायण की सूखी जड़ के साथ 1-1 ग्राम पीस लें। इसके बाद एक गिलास पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं और पी लें। प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें।
6. महिलाओं को बदन दर्द, उच्च रक्तचाप, गठिया बादी की समस्या बनी रहती है। ऐसे में सफेद मूसली की जड़ का सेवन करना चाहिए। इससे आराम मिलता है।
7. महिलाओं को अगर गर्भधारण करने में समस्या आती है तो सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए।
8. दस्त से परेशान होने पर सफेद मूसली का उपायेग कर सकते हैं। 2-4 ग्राम सफेद मूसली की जड़ के चूर्ण में दूध में मिला लें। और इसका नियमित सेवन करें।
9.पेट से संबंधित, अपच की समस्या, गैस की समस्या, खाना न खाना जैसी समस्या होने पर इसका सेवन कर सकते हैं। इसके चूर्ण के सेवन सेवन से बहुत जल्दी आराम मिलता है।
10. जब भोजन करने का मन नहीं करता है, भूख नहीं लगती है तो कमजोरी आने लगती है। ऐसे में मूसली के चूर्ण का सेवन करना चाहिए इससे भूख भी खुलती है कमजोरी महसूस नहीं होती है।
काली मूसली का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधी के रूप खूब किया जाता है। इसके सेवन से कई बीमारियों में राहत मिलती है। हालांकि इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए। इसके सेवन से जलन होना, थकान या पाइल्स जैसे रोग में राहत मिलती है। आइए जानते हैं इसके फायदे -
1. इसका मूल रूप से प्रयोग शारीरिक संबंध से जुड़ी समस्याओं में किया जाता है। इसका सेवन महिला और पुरुष दोनों करते ताकि परेशानियों को खत्म किया जा सकें। हालांकि इसका सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
2. अगर आपको यूरिन के दौरान दर्द होना, यूरिन कम आना, जलन होना जैसी समस्या है तो काली मूसली का प्रयोग करें।
3. किडनी के दर्द से परेशान हो गए है तो काली मूसली का सेवन करना चाहिए। 1-2 ग्राम काली मूसली चूर्ण में 5 मिली तुलसी पत्ते का रस मिलाकर खाने से आराम मिलता है।
4. मौसम बदलते ही खांसी के शिकार हो जाते हैं तो काली मूसली का सेवन करें। इससे जल्दी आराम मिलता है।
5. अस्थमा के मरीज है तो मौसम बदलने पर अधिक सतर्कता बरतना जरूरी होता है। इसके लिए काली मूसली के जड़ की छाल को पान में रखकर खाने से फायदा होता है।
6.अगर आपकी हड्डियां कमजोर हो गई है या टूट गई है, तो काली मूसली का प्रयोग करें। इससे हड्डियां मजबूत होगी। साथ ही इसके चूर्ण में अतसी का तेल मिलाकर लगाने से भी आराम मिलता है।
यह एक सामान्य जानकारी है। आयुर्वेदिक दवा का सेवन हमेशा विशेषज्ञों की सलाह से ही करना उचित होता है।