ठंड का मौसम आते ही सर्दी-खांसी की चपेट में आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए अनेक प्रकार के घरेलू उपाय आजमाएं जाते हैं। ठंड के दौरान कुछ सुपरफूड्स भी होते हैं जिन्हें डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे ठंड के मौसम में होने वाली बीमारी और संक्रमण को दूर रखते हैं। साथ ही न्यूट्रिशन भी सीजनल फल खाने की सलाह देते हैं, जिससे इम्युनिटी बूस्ट होती है और इन मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से बचते हैं। तो आइए जानते हैं 6 सुपर फूड्स के बारे में जो आपको खतरनाक सर्दी-खांसी से राहत देगी -
1.अदरक - ठंड में अदरक का सेवन किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए। ठंड में होने वाले वायरल और सर्दी-खांसी में आराम मिलता है। इस दौरान फैलने वाले वायरस को रोकने में मदद करता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। जिससे किसी बीमारी की चपेट में जल्दी नहीं आते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं, अचार, सब्जी में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। वहीं अगर ठंड में आपको अपच की समस्या है तो तो अदरक का सेवन लाभदायक है।
2.विंटर स्क्वैश - यह शीतकालीन सुपरफूड है। यह मैग्नीशियम, बीटा, कैरोटीन, विटामिन बी 6 और सी से भरपूर है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। हालांकि यह फल आसानी से उपलब्ध नहीं होता है।
3. केल - केल शीतकालीन मौसम का सुपरफूड माना जाता है। इसमें मुख्य रूप से पोटेशियम होता है। पोटेशियम से ब्लड प्रेशर कम होता है। साथ ही यह सोडियम के स्तर को भी कम करता है। हालांकि जिन मरीजों का बीपी बढ़ता है उन्हें सोडियम का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
4. विटामिन सी - ठंड के मौसम में अधिक से अधिक खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए। इससे इम्युनिटी बूस्ट होती है। सर्दी, वायरल और फ्लू की चपेट में आने से बचते हैं। खट्टे फलों में आप नींबू, संतरा, अंगूर का दिन के समय में सेवन कर सकते हैं। साथ ही इनके सेवन से कैंसर से बचाव में भी मदद मिलती है।
5. ब्रसल स्प्राउट - यह एक सुपरफुड के रूप में गिना जाता है। यह बिल्कुल पत्ता गोभी की तरह दिखता है। इसमें विटामिन सी और के की प्रचुर मात्रा होती है। ठंड में इसका सेवन किया जाता है। इसके सेवन से आयरन की कमी भी पूरी होती है। क्रॉनिक बीमारियों को कम करने में काफी सहायक होती है।
6. सेब - विटामिन सी का सबसे बड़ा माध्यम है सेब। इसके सेवन से कमजोरी दूर होती है। ठंड में एक सेब का सेवन जरूर करना चाहिए। इसे खाने से कोलेस्ट्रोल का स्तर भी कम होता है।