आयुर्वेद के अनुसार सेहत से जुड़ी कोई भी समस्या, पंचतत्व एवं वात, पित्त व कफ में असंतुलन के कारण पैदा होती है। माइग्रेन भी उन्हीं में से एक समस्या है जो असाधारण सिरदर्द के साथ ही सेहत की अन्य समस्याओं को भी बढ़ाता है।
आयुर्वेद कहता है कि माइग्रेन की समस्या, शरीर में आकाश तत्व की कमी के कारण होती है। अगर इसे संतुलित किया जाए तो माइग्रेन से निजात पाई जा सकती है। जानिए क्या है आकाश मुद्रा -
आकाश मुद्रा योग की वह मुद्रा है, शरीर के पांच तत्वों में से आकाश तत्व को बढ़ाती है और आकाश तत्व की कमी से होने वाली सेहत समस्याओं को दूर करती है।
आकाश मुद्रा बनाने की विधि - आकाश मुद्रा के लिए सबसे पहले पद्मासन, सुखासन अथवा वज्रासन में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों की मध्यमा यानि के अग्रभाग यानि पोर को अंगूठे के अग्र भाग से मिलाएं। इसे रोजाना 10 से 15 मिनट के लिए 3 बार करें।
आकाश मुद्रा के फायदे -
1 माइग्रेन या साइनसाइटिस के दर्द में कमी
2 सीने के दर्द में लाभ
3 कान के दर्द में राहत
4 उच्च रक्त चाप में फायदेमंद
5 शरीर में भारीपन होने पर कारगर
6 शरीर को विषाक्त तत्वों से मुक्ति
7 सकारात्मक विचारों का संचार
सावधानी - वात प्रकृति वालों को यह मुद्रा नहीं करनी चाहिए। इससे गैस, त्वचा में सूखापन, गठिया की समस्या हो सकती है।