गुनगुनी धूप भला किसे नहीं सुहाती, लेकिन ये धूप सर्दियों में ही भाती है अन्य मौसम में नहीं। अगर हर मौसम में कुछ देर धूप की सिंकाई ली जाए तो सेहत की दृष्टि से लाभदायक होता है। सुबह खुले बदन 20 मिनट तक सूर्य किरणों में बैठकर हर ऋतु में स्वास्थ्य लाभ उठाया जा सकता है, जाड़े की ऋतु में सूर्य किरणें कुछ ज्यादा ही तन-मन को आनंदित करती हैं अत: इस मौसम का लाभ लेने से न चूकें।
वैज्ञानिक तथ्य
भारतीय धर्म-दर्शन अनगिनत सदियों से सूर्य को जीवनदाता मानता आया है, किंतु अब वैज्ञानिक भी सूर्य की विलक्षण रोग-निवारक शक्तियों का लोहा मानने लगे हैं। ब्रिटिश वैज्ञानिक डॉ. डब्ल्यू.एम. फ्रेजर ने अपनी पुस्तक 'टेक्स्ट बुक ऑफ पब्लिक हेल्थ' में लिखा है कि सूर्य की किरणों में जीवाणुओं को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति है।
सूर्य किरणों में विटामिन-डी पाया जाता है, जो मानव शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है। इसी तरह फ्रांस के हृदय रोग विशेषज्ञ मार्सेल पोगोलो का तो यहाँ तक मानना था कि सूर्य और मानव हृदय का अटूट संबंध है। उनके अनुसार सौर-मंडल में तूफानों के आने के पहले पड़ने वाले दिल के दौरों की संख्या में तूफानों के आने के बाद चार गुना ज्यादा इजाफा हो जाता है।
रोगों में फायदेमंद
अमेरिकी डॉक्टर हानेश का मानना है कि शरीर में लौहतत्व की कमी, चर्मरोग, स्नायविक दुर्बलता, कमजोरी, थकान, कैंसर, तपेदिक और मांसपेशियों की रुग्णता का इलाज सूर्य किरणों के समुचित प्रयोग से किया जा सकता है, वहीं डॉ. चार्ल्स एफ. हैनेन और एडवर्ड सोनी ने अपनी रिसर्च से यह सिद्ध कर दिखाया है कि सूर्य किरणें बाहरी त्वचा पर ही अपना प्रभाव नहीं डालतीं, बल्कि वे शरीर के अंदरूनी अंगों में जाकर उन्हें स्वस्थ बनाने में कारगर भूमिका निभाती हैं।
सुझाव
* पसीना आने के बाद धूप में नहीं बैठना चाहिए।
* दोपहर बाद सूर्य किरणों में बैठने का उतना महत्व नहीं है।