लौंग की भारतीय खाने में खास जगह है। इसके उपयोग से खाने में स्वाद के साथ-साथ कुछ अहम गुण भी जुड़ जाते हैं। इसका उपयोग तेल व एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। लौंग में आपके स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के कई गुण होते हैं।
लौंग में होने वाला एक खास तरह का स्वाद इसमें होने वाले एक तत्व युजेनॉल की वजह से होता है। यही तत्व इसमें होने वाली एक खास तरह की गंध को पैदा करता है। हालांकि लौंग हर मौसम में हर उम्र के व्यक्तियों के लिए लाभदायक है, पर सर्दी के मौसम में इसकी खास उपयोगिता है, क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है। लौंग के तेल की तासीर काफी गर्म होती है और इस कारण इसे बहुत सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। जब आप अपनी त्वचा पर इसे लगाएं तो सीधे तौर पर बिना किसी चीज को साथ मिलाए न लगाएं।
1. दांतों में होने वाले दर्द में लौंग के इस्तेमाल से निजात मिलती है और यही कारण है कि 99 प्रतिशत टूथपेस्ट में होने वाले पदार्थों की लिस्ट में लौंग खासतौर पर शामिल होती है।
2. खांसी और बदबूदार सांसों के इलाज के लिए लौंग बहुत कारगर है। लौंग का नियमित इस्तेमाल इन समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। आप लौंग को अपने खाने में या फिर ऐसे ही सौंफ के साथ खा सकते हैं।
3. सामान्य तौर पर होने वाली सर्दी को लौंग से दुरुस्त किया जा सकता है। आप लौंग के तेल की 10 बूंदों को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार इस्तेमाल करके अपनी सर्दी को ठीक कर सकते हैं।
4. लौंग में दिमागी स्ट्रेस को कम करने का भी गुण होता है। लौंग को आप तुलसी, पुदीना और इलायची के साथ इस्तेमाल करके खुशबूदार चाय बना सकते हैं और चाहें तो यही मिक्स आप शहद के साथ इस्तेमाल करके भी स्ट्रेस से छुटकारा पा सकते हैं।
लौंग का तेल अन्य किसी भी तेल के मुकाबले सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। एंटीऑक्सीडेंट स्वस्थ त्वचा और शरीर को तंदुरुस्त रखने में बहुत कारगर होते हैं। लौंग के तेल में मिनरल्स जैसे पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन, विटामिन A और विटामिन C अत्यधिक मात्रा में होते हैं।
लौंग स्वास्थ्यवर्धक है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइए, जानते हैं इसके दुष्प्रभाव के बारे में...
इसका अत्यधिक सेवन आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
लौंग के ज्यादा सेवन से शरीर में जलन भी हो सकती है
शरीर में गर्मी बढ़ने पर मुंहासे संबधी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
इसके अत्यधिक सेवन से एलर्जी का भी डर रहता है।
रक्त का पतलापन भी हो सकता है।