दिन की अच्छी शुरुआत करने के लिए सूर्य नमस्कार सबसे अच्छा व्यायाम है। जिस प्रकार 12 राशियां, 12 महीने होते हैं, उसी प्रकार सूर्य नमस्कार भी 12 स्थितियों से मिलकर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में 12 स्थितियों को क्रम से दोहराया जाता है तथा इन 12 स्थितियों के अनुसार 12 बीज मंत्र होते हैं तथा इन 12 स्थितियों के अलग-अलग लाभ होते हैं।
पेट की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं उससे पाचन शक्ति बढ़ती है।
शरीर के ज्यादा वजन को घटाने में मददगार।
आलस्य को दूर भगाता है, दिमाग को ठंडा रखता है।
शरीर में खून का प्रवाह तेज होने से ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।
बालों को असमय सफेद होने, झड़ने व रूसी से बचाता है।
व्यक्ति में धीरज रखने की क्षमता बढ़ती है।
सहनशीलता बढ़ाने और क्रोध पर काबू रखने में मददगार।
शरीर में लचीलापन आता है, जिससे पीठ और पैरों के दर्द की आशंका कम होती है।
प्राकृतिक रूप से विटामिन डी मिलता है जो हड्डियों को मजबूत करने और आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद है।
त्वचा के रोग खत्म हो जाते हैं।
सावधानियां
सूर्य नमस्कार सुबह शौच के बाद पूर्व दिशा में मुख करके ही करना चाहिए।
सूर्य नमस्कार करते समय शरीर की प्रत्येक क्रिया को ध्यानपूर्वक व आराम से करना चाहिए।
ज्ञान के अभाव में किसी योग विशेषज्ञों के निर्देशक के अनुसार ही करना चाहिए।