कोरोना के बीच अब बर्ड फ्लू का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1)के कारण होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है। यह संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातें
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो इंसानों को संक्रमित करता है। बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है।
यदि कोई संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आए तो वे आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। इस वायरस का खतरा सबसे ज्यादा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने पर या अधपका मुर्गा या अंडा खाने वाले लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है।
जानते हैं लक्षण- बर्ड फ्लू होने पर कफ, बुखार, सांस लेने में परेशानी, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
सावधानियां- बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई का ख्याल रखें। हाथों को साफ रखें, हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहे। अगर घर से बाहर है, तो सैनिटाइजर से अपने हाथों को सैनिटाइज करें।
संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम कर रहे लोगों से दूरी बनाकर रखें। उनके संपर्क में आने से बचें। ऐसे लोग जो पोल्ट्री फार्म में काम करते है, उन्हें डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनना चाहिए साथ ही इस्तेमाल के बाद इसे नष्ट कर देना चाहिए। जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें. छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें।