अगर आप भी बिजली की खपत कम करने के लिए सीएफएल बल्ब का प्रयोग कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। सीएफएल के जिन गंभीर खतरों को हम बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। जी हां, भले ही यह बल्ब बिजली बचाने के लिए फायदेमंद हो लेकिन इसमें मौजूद पारा आपकी सोच से भी कई गुना अधिक हानिकारक साबित हो सकता है।
सीएफएल बल्ब के अंदर मौजूद पारे की जरा सी मात्रा भी आपके शरीर में पहुंचने पर, आपको आईसीयू में पहुंचा सकती है। इतना ही नहीं पारे के प्रभाव से किसी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। इससे बचने के लिए आपको सीएफएल के इस्तेमाल में कुछ जरूरी सावधानियां रखना बेहद जरूरी है। खास तौर से सीएफएल के टूट जाने पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान -
1 सीएफएल के टूट जाने पर उससे दूर हो जाएं और तुरंत कमरे से बाहर निकल जाएं। बाहर निकलते वक्त कमरे का पंखा, कूलर या एसी बंद कर दें ताकि पारा व उसका प्रभाव न फैलने पाए।
2 पंद्रह से 20 मिनट इंतजार करें उसके बाद कमरे में बिखरे कांच के टुकड़ों को साफ करें। सफाई करते समय अपने मुंह पर कपड़ा बांध लें और हाथ में दस्तानें जरूर पहनें।
3 कांच के टुकड़ों को गलती से भी हाथ न लगाएं। इन टुकड़ों को समेटने के लिए झाड़ू का इस्जतेमाल बिल्कुल न करें। ऐसा करने पर पारा फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
4 सफाई के बाद बचे हुए कांच के बारीक कणों को टेप की सहायता से चिपकाकर साफ करें और कचरा फेंकने के बाद एंटीसेप्टिक साबुन से हाथों को धोएं। पूरी जगह पर बाद में पोंछा जरूर लगाएं।
5 सीएफएल को बदलते समय भी हमेशा सावधानी रखें। जब भी बल्ब को बदलना हो, कुछ देर रुक कर उसे ठंडा होने दें उसके बाद ही बदलें। तुरंत बदलना आपके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।