कॉफी पीने से बॉडी में बदलाव होते हैं ये सभी को पता है। आपको नींद आए, ताज़गी चाहिए, एक्टिव होना है या सिंपल टेस्ट के लिए आप कॉफी मंगवा लेती हैं या कॉफी मशीन के पास पहुंच जाती हैं। कॉफी आपके डेली रुटीन का हिस्सा हो चुकी है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि असल में कॉफी आपको ताज़गी और एक्टिवनेस देती कैसे है? पीरियड के समय कॉफी पीना सही है या नहीं?
कॉफी पिएं या नहीं
आपने उन दिनों को कॉफी कर्फ्यू के लिए कभी नहीं माना। आखिर उन दिनों में तो आपको ज़्यादा ताज़गी और एक्टिव होने की ज़रूरत है। वैसे ही आप बुझी बुझी सी लग रही हैं। कुछ करने का मन नहीं और ये पेट दर्द तो उफ्फ! ऐसे में कॉफी ही तो सहारा है कि आप कुछ काम निपटा लें। कॉफी के उन दिनों आपकी बॉडी पर होने वाले इफेक्ट ऐसे हैं कि आप इन्हें जानने के बाद कुछ न कुछ फैसला तो ले ही लेंगी।
स्टडीज़ के ऐसे नतीजे कि आप ले पाएंगी कॉफी को लेकर फैसला
पहला नतीजा
एक स्टडी के अनुसार जो महिलाएं कॉफी पीने की आदी थीं उनका पीरियड सायकल सिर्फ 25 दिन का रहता था। मतलब उनके पीरियड जल्दी आते थे हालांकि क्लीनकली कॉफी का पीरियड पर इस तरह के असर का कोई संबंध पता नहीं लगाया जा सका। माना गया कि शायद सेक्स हॉर्मोंस पर कॉफी इस तरह का इफेक्ट छोड़ती है।
दूसरा नतीजा
दूसरे नतीजे के मुताबिक कॉफी पीने से पीरियड का समय छोटा हो गया। आप कहेंगी कि छोटे पीरियड तो अच्छी बात है लेकिन आपको बता दिया जाए कि छोटे पीरियड आपके लिए लंबे समय तक अच्छी बात नहीं। कुछ रिसचर्स ने माना कि इससे गर्भधारण में देरी हो सकती है।
तीसरा नतीजा
कॉफी पीने से पीरियड में अधिक दर्द का अहसास भी जोड़ा गया। कॉफी में मौजूद कैफीन एक उत्तेजक की तरह काम करता है। पीरियड में आपके हॉर्मोन बदले हुए रहते हैं जो बाहरी उत्तेजक को झेलने के काबिल नहीं होते। ऐसे में कई महिलाओं में कॉफी पीने के बाद मूड बदलना, परेशानी, चिंता, चक्कर आना और सिर दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं।
तीनों रिज़ल्ट जानने के बाद ये साफ है कि पीरियड के दौरान कॉफी के इफेक्ट नेगेटिव हैं। फिर भी अगर आप कॉफी नहीं छोड़ पा रही हैं तो आप कितने कप कॉफी पी रही हैं इस पर ध्यान दें। कॉफी के बाद जो लक्षण नज़र आएं उन पर ध्यान दें। किसी तरह की तकलीफ पर डॉक्टर को दिखाने में कोई हर्ज नहीं।