कम्प्यूटर पर लगातार घंटों काम करने से कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है। कम्प्यूटर पर 4-5 साल तक काम करने के बाद इस बीमारी का पता चलता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र के डॉक्टरों की सलाह है कि कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने के दौरान एंटीग्लेयर चश्मा लगाएं, जो कम्प्यूटर से निकलने वाली किरणों से आंखों की काफी हद तक हिफाजत करता है।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्र में प्रोफेसर रोहित सक्सेना ने कहा कि कम्प्यूटर बहुत ध्यान खींचने वाला साधन है। जब आप काम करते हैं तो लगातार कम्प्यूटर या लैपटॉप में ही देखते रहते हैं, क्योंकि यह आपको अपनी ओर आकर्षित करता है जिससे आंखें नहीं झपकती हैं। इस वजह से आंखों का पानी सूख जाता है।
उन्होंने बताया कि आजकल लोगों की नौकरी 12 घंटे कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने की है। जब आप किताब पढ़ते हैं तो आप 30-40 मिनट में उठते हैं और इधर-उधर जाते हैं, मगर कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान ऐसा नहीं होता है। आप लगातार घंटों नहीं उठते हैं। इन्हीं कारणों से कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम नाम की बीमारी अस्तित्व में आई है जिसमें आंखों का सूखना, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और मांसपेशियों का कमजोर होना आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आंखों में खुजली होने या आंखों के लाल होने की परेशानी सबको है। यह दिक्कत किसी को कम तो किसी को ज्यादा है। यह निर्भर इस पर करता है कि आप कम्प्यूटर पर कितना वक्त बिताते हैं। केंद्र की अन्य डॉक्टर देवांग अंगमा ने बताया कि कम्प्यूटर से आंखों पर पड़ने वाला दुष्प्रभाव तुरंत मालूम नहीं पड़ता है। यह 5-6 साल लगातार काम करने के बाद दिखना शुरू होता है।
उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर पर लगातार काम करने से आंखें लाल होने लगती हैं और खुजली होती है। गंदे हाथों से आंखों को मलने से आंखों में संक्रमण भी हो जाता है या आंखों में फुंसी निकल आती है। अगर मधुमेह है तो यह फुंसी बहुत मुश्किल से जाती है। इसके अलावा बार-बार आंख मलने से आंख का कॉर्निया भी प्रभावित हो सकता है।
कम्प्यूटर और लैपटॉप पर काम करने के दौरान आंखों को स्वस्थ रखने के उपाय बताते हुए डॉ. देवांग ने कहा कि कम्प्यूटर की स्क्रीन आंखों की सीध में या आंखों से थोड़ी नीचे होनी चाहिए। कम्प्यूटर या लैपटॉप की स्क्रीन आंखों से ऊपर नहीं होनी चाहिए, इसकी स्क्रीन आंखों से जितनी ऊपर होगी, आंखों पर उतना जोर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि नियमित कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने वालों को हमेशा एंटीग्लेयर लैंस का इस्तेमाल करना चाहिए। जिनके नजर का चश्मा लगा हुआ है, वे अपने चश्मे में एंटीग्लेयर लैंस लगवाएं और जिनके चश्मा नहीं लगा हुआ है, वे भी एंटीग्लेयर लैंस का साधारण चश्मा पहनें। बेहतर यह है कि कम्प्यूटर की स्क्रीन पर भी एंटीग्लेयर शीशा लगाना चाहिए।
आंखों की कसरत की सलाह देते हुए डॉ. देवांग ने बताया कि लोगों को हर आंधे घंटे में ब्रेक लेना और 5-10 बार आंखों को जल्दी-जल्दी झपकाना चाहिए। इसके अलावा स्क्रीन की ब्राइटनेस भी हल्की रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आंखें सामान्य तौर पर 1 मिनट में 12 से 16 बार झपकती हैं जिससे कि आंख के सभी हिस्सों में पानी पहुंच जाता और आंखों में नमी बरकरार रहती है।