कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में जारी है जिसको लेकर लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्कूल, कॉलेज, मॉल व जिम सब बंद हैं। दरअसल, जहां भीड़ जमा हो सकती है, उन स्थानों को बंद किया गया है ताकि यह संक्रमण फैल न पाए।
महत्वपूर्ण बात यह कि यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो आप किसी भी बीमारी से लड़ सकते हैं और कोई भी बीमारी आप पर हावी नहीं हो सकती चाहे वह कोरोना वायरस ही क्यों न हो।
वहीं जो लोग खुद को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं, उनके लिए इस समय थोड़ी असुविधा है, क्योंकि जिम को भी कुछ दिनों के लिए बंद किया गया है। लेकिन यदि आप रोज व्यायाम करते हैं और इस समय जिम न जाने के कारण आपकी एक्सरसाइज छूट रही है तो इससे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है।
हम आपको बताते हैं कि कैसे आप घर में रहकर भी फिट रह सकते हैं, साथ ही इन योगासनों से आपका इम्यून सिस्टम भी इससे मजबूत होगा। आइए जानते हैं-
धनुरासन-
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाएं। अब पीछे से दाएं पैर के टखने को दाएं हाथ से और बाएं पैर के टखने को बाएं हाथ से पकड़ें। गहरी और लंबी श्वास भरते हुए आगे से छाती और पीछे से दोनों पैरों और जांघों को ऊपर उठाएं। फिर पैरों को आकाश की दिशा में ले जाएं और सांस सामान्य छोड़ दें। धनुरासन करने से पाचन अंगों की कार्यकौशलता बढ़ती है। नियमित अभ्यास से यह पेट जांघ के क्षेत्रों के आसपास फेट कम करता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी के सही आकार को लौटाने में भी मदद करता है, साथ ही बाजुओं की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
हलासन-
इस आसन को करने के लिए सर्वांगासन की ही स्थिति में रहते हुए दोनों पैरों को सिर के पीछे जमीन पर सटाने का प्रयास करें। शरीर में सबसे अधिक दबाव गर्दन तथा कंधों पर आएगा और खिंचाव रीढ़ की हड्डी में अनुभव होगा। थोड़ी देर थाइरॉइड ग्लैंड पर दबाव बनेगा। श्वास की गति सामान्य रखें। इस स्थिति में लगभग 3 से 5 मिनट तक खुद को रोकने का प्रयास करें, फिर धीरे-धीरे वापस पूर्व स्थिति में आएं। हलासन करने से पाचन प्रणाली मजबूत होती है तथा पेट में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती है, साथ ही मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।
कपालभांति प्राणायाम-
इस प्राणायाम में कमर सीधी रखते हुए दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। धीरे-धीरे श्वास को नाक से बाहर छोड़ने की कोशिश करें। इस बात का ध्यान रखें कि श्वास लेने की आवाज न आए, बल्कि श्वास छोड़ने की आवाज तीव्र गति से आए, जैसे छींकने की आवाज आती है, उसी तरह इस प्राणायाम में भी तेज आवाज आती है।
भस्त्रिका प्राणायाम-
इस प्राणायाम में श्वास को तीव्र गति से अंदर और बाहर करना होता है। श्वास अंदर लेते हुए पेट बाहर तथा श्वास छोड़ते समय पेट अंदर रखें। इस प्राणायाम से फेफड़ों की शुद्धि होती है और तथा उसे काफी शक्ति भी प्राप्त होती है।