कोरोना वायरस का प्रकोप स्थिर हो गया है। मामले बहुत अधिक कम भी नहीं हो रहे और बहुत अधिक बढ़ भी नहीं रहे हैं। लेकिन इस दौरान भी सतर्कता बरतना जरूरी है। जी हां, कई लोगों को अब भी कोविड वैक्सीन लगाने में डर लग रहा है। वहीं कोरोना का वेरिएंट तेजी से अपना रूप बदल रहा है। जिसे जीनोम सीक्वेंसिंग की मदद से भी पहचानने में वक्त लगने लगा है। इन दिनों डेल्टा वेरिएंट का खतरा काफी अधिक है। डबल डोज के बाद भी लोग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि अस्पताल जाने की नौबत कम आ रही है। लेकिन डर के मारे कोविड वैक्सीन नहीं लगाने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है -
- भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचें - जी हां, अगर आपने किसी भी कारणवश कोविड टीका नहीं लगवाया है तो भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। ऐसा इसलिए कोरोना के बदलते वेरिएंट के बीच नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को तेजी से हो सकता है। वैक्सीन नहीं लगवाने वाले जल्दी कोविड की चपेट में आ सकते हैं।
- सिनेमा या थियेटर में नहीं जाएं - कोविड टीका नहीं लगाने वाले 50 फीसदी थियेटर खुलने पर भी नहीं जाएं। क्योंकि कोविड टीका नहीं लेने वालों को संक्रमण की चपेट में आने का खतरा अधिक बढ़ सकता है। वहीं डेल्टा वेरिएंट तेजी से व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है। तो नॉन वैक्सीनेटड लोगों की मौत भी हो रही है।
- घर से बाहर नहीं निकलें- कोविड का खतरा अभी भी जारी है। डबल डोज लगने के बाद लोग कोविड की चपेट में आ रहे हैं। दूसरी ओर हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को तीसरे बूस्टर डोज देने की चर्चा जारी है। हालांकि भारत में कोविड वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है लेकिन अन्य देशों में इसे जरूरी कर दिया गया है।
- कोविड वैक्सीन लगाने से परिवार और समाज सुरक्षित - कोविड वैक्सीन से डर रहे लोग वैक्सीन लगाने पर अपने परिवार के साथ समाज को भी सुरक्षित कर सकेंगे। इसलिए कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं इम्यूनिटी बूस्ट होने पर कोविड होने पर गंभीर हालत नहीं होगी।
- हर साल लग सकता है बूस्टर डोज - कई शोध और वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले कुछ समय तक बूस्टर डोज लेना रहेगा। हर साल इम्यूनिटी बनाएं रखने के लिए कोविड वैक्सीनेशन जरूरी रहेगी। वैज्ञानिकों द्वारा लगातार शोध जारी है लेकिन अभी यह नहीं सामने आया है कि यह वायरस कैसे फैल रहा है।