फैट बर्न और कैलोरी बर्न करने में क्या है अंतर, समझिए कैसे पड़ता है दोनों का शरीर पर प्रभाव
जानिए शरीर को बेहतर ढंग से शेप में लाने के लिए क्या है ज़रूरी
वजन कम करने के लिए बहुत सारी मेहनत और धैर्य की ज़रुरत होती है। अगर आपको वजन कम करना है और एक बेहतर शरीर पाना है तो जरूरी है कि आप अपने शरीर में जमी चर्बी को कम करें। लोगों का मानना है कि फैट बर्न करने के लिए कैलोरी बर्न करना जरूरी है। कम कैलोरी का सेवन या ज्यादा मात्रा में कैलोरी बर्न करने से आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन, फैट बर्न और कैलोरी बर्न दोनों ही अलग-अलग चीजें हैं।
शरीर को बेहतर ढंग से शेप में लाने के लिए आपको फैट बर्न करना जरूरी है।
कैलोरी बर्न क्या होता है?
कैलोरी बर्न का मतलब है कि आपका शरीर स्वस्थ रहने के लिए अपने मिनरल्स, विटामिन और दूसरे पोषक तत्वों का इस्तेमाल कर रही है। हमारा शरीर हर काम करने के दौरान कुछ मात्रा में कैलोरी बर्न करता है, जैसे सोना, जागना, सांस लेना, चलना और बोलना। कैलोरी बर्न करने में सांस लेने और शरीर के तापमान को बनाए रखने जैसे शारीरिक कार्यों पर खर्च की गई एनर्जी शामिल है।
हमारे शरीर में कैलोरी कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट से आती है। वजन घटाने के दौरान कैलोरी बर्न करने के लिए हाई इंटेंसिटी वाले वर्कआउट करना बहुत जरूरी है। कैलोरी कम करने से आपको वजन घटाने में मदद मिलती है। लेकिन अगर सावधानी से बरती जाए तो लंबे समय तक हाई इंटेसिटी वाले वर्कआउट करने से मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है, चयापचय दर धीमी हो सकती है और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
फैट बर्न क्या होता है?
लगातार चलने या धीरे-धीरे से जॉगिंग जैसी कम इंटेसिटी वाली, लंबी अवधि की गतिविधियों के दौरान शरीर एनर्जी के लिए फैट स्टोर का उपयोग करता है। हाई प्रोटीन सेवन और कम कार्बोहाइड्रेट आहार फैट जलने में मदद कर सकता है। फैट बर्न के शुरुआत में आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं, लेकिन समय के साथ, कम क्रैविंग, ब्लड शुगर कंट्रोल करना और इंसुलिन का बेहतर स्तर हो सकता है। पर्याप्त प्रोटीन और कम कार्ब्स वाला संतुलित आहार वसा जलने और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
फैट बर्न और कैलोरी बर्न में क्या अंतर है?
नॉर्मल वजन घटाने के लिए कैलोरी बर्न करना जरूरी है और इसके लिए आपको हाई इंटेसिटी और देर तक चलने वाले वर्कआउट करने की जरूरत होती है। लेकिन इसमें मांसपेशियां कमजोर होना, चयापचय दर धीमी होना और शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जबकि फैट बर्न आपके शरीर में जमी चर्बी को कम करने पर फोकस करता है।
फैट बर्न करने के लिए आप हल्के वर्कआउट्स जैसे वॉक या जॉगिंग भी कर सकते हैं। फैट बर्न करने के दौरान आप हाई प्रोटीन और कम कार्ब डाइट का सेवन करते हैं, जो आपकी क्रैविंग को कम करने और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
फैट बर्न और कैलोरी बर्न के बीच के इन अंतरों को समझकर आप आपकी फिटनेस और डाइट पर ध्यान दे सकते हैं, जिससे वजन कम करने के साथ ओवरओल हेल्थ को बेहतर रखने में मदद मिल सकती है।
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