भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गिलोय सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके मौजूदा गुणों से इसका प्रयोग हर रोग के उपचार में किया जाता है। कोविड काल में गिलोय का सेवन कर इम्युनिटी को बूस्ट किया गया। इसकी पत्तियों में जरूरी तत्व होते हैं। जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस रहता है। जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ ही खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। गिलोय के पौधों में अच्छा स्टार्च होता है। साथ ही यह एक बेहतरीन पावर ड्रिंक है, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों में भी सुरक्षा करता है।
हालांकि इसका हद से अधिक सेवन किया जाने लगा तो मरीजों को लिवर की समस्या होने लगी है। इस पर आयुष मंत्रालय ने भी जानकारी साझा की-
आयुष मंत्रालय ने जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी में छपी उस रिपोर्ट को भ्रमित करने वाली बताया है जिसमें गिलोय से लिवर खराब होने की बात कही गई थी। यह रिसर्च 'इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर दि स्टडी ऑफ दि लिवर' के सहयोग से की गई। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, गिलोय से लिवर डैमेज होने की खबर को अफवाह बताया गया है।
आयुष मंत्रालय के मुताबिक गिलोय को लिवर से जोड़कर भ्रम पैदा किया जा रहा है। लंबे वक्त से गिलोय का सेवन जड़ी-बूटी के रूप में किया जा रहा है। शारीरिक समस्याओं को हल करने में गिलोय का काफी असरदार साबित हुआ है। स्टडी में पाया गया कि सही से विश्लेषण नहीं किया गया है। जो रोगियों को दी गई थी।
गिलोय के फायदे -
- गिलोय का सेवन करने से एनीमिया दूर करने में मदद मिलती है। इसे घी और शहद के साथ मिलाकर लेने से ब्लड बढ़ता है।
-पीलिया के मरीजों के लिए भी गिलोय के पत्ते लाभदायक होते हैं। इसे आप चूर्ण के रूप में भी ले सकते हैं। आप गिलोय की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं।
- हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलर्जी से परेशान है तो इसे डॉक्टर की सलाह से डाइट में शामिल कर सकते हैं।