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कोविड के हल्के लक्षणों को हल्के में न लें, वरना हो सकता है भारी नुकसान

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, सोमवार, 14 फ़रवरी 2022 (17:46 IST)
कोविड-19 का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम होने लगा है। लेकिन वह अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है इसलिए सावधानी ही उससे बचाव का बेहतर तरीका है। कोविड के नए-नए स्‍ट्रेन की वजह से कोरोना का खौफ और अधिक बढ़ता चला गया था। हालांकि कोविड की रफ्तार कम हो चुकी है। लेकिन कोविड के हल्‍के लक्षण आपके लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं इसलिए उसे हल्‍के में नहीं लें। कोविड की दूसरी लहर से हम सीख सकते हैं कि हल्के लक्षण किस तरह से लोगों को अपनी जद में ले रहे थे। आइए जानते हैं किस तरह कोविड को हल्‍के में लेने पर किस तरह नुकसान हो सकता है -

- सर्दी-खांसी, जुकाम, बदन दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 3 दिन बाद तक भी बुखार नहीं उतरता है तो फिर से चेकअप कराएं। क्‍योंकि संक्रमण धीरे-धीरे आपके अंगों को संक्रमित करने लगता है। उस कंडीशन में आप सीवियर स्थिति में भी पहुंच सकते हैं। कोविड के हल्के और गंभीर लक्षणों पर नजर रखें। इसे हल्के में नहीं लेते हुए इसका सही से उपचार लें।

- कोविड से बचाव के लिए मरीजों को स्टेरॉयड दी जाने लगी थी। हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट के दौरान इस तरह की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन सेहत पर गंभीर असर नहीं पड़े इसलिए बेहतर है कि कोविड के हल्‍के लक्षण दिखने पर भी डॉक्टर से संपर्क करें।  

- कोविड संक्रमित पाए जाने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें। कोविड स्‍पेशलिस्‍ट डॉक्टर लक्षणों को बेहतर तरीके से समझते हैं। इसलिए बेहतर है उन्हें डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि दवा का एक्सपेरिमेंट आपकी बॉडी पर नहीं हो साथ ही गंभीरता को कम किया जा सकें। और सही वक्त पर जल्दी रिकवर हो सके।  

- इंफेक्‍शन का कन्फ्यूजन नेचर होता है। और इस वजह से लोग टेस्‍ट करने से कतराते हैं। देरी से टेस्टिंग होने पर भी लक्षण गंभीर हो सकते हैं। और हेल्दी इंसान गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह से जल्‍द से जल्‍द टेस्ट कराएं और अगली रिपोर्ट नहीं आने तक आइसोलेशन में रखें।  

- ओमिक्रॉन के मरीज सामान्यतः चार से पांच दिन में ठीक हो रहे हैं, लेकिन 5 दिन बाद भी ठीक नहीं होते हैं तो लापरवाही नहीं बरते। क्योंकि कोविड हाई बीपी या डायबिटीज के मरीजों पर अधिक हावी हो रहे हैं। इसलिए कोमोरबिडिटी मरीजों के लिए अधिक परेशानी है। 

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