डेंगू का प्रकोप पहले से अधिक कहराता दिख रहा है। बच्चों से लेकर बूढ़े तक में डेंगू की बीमारी हो रही है। लेकिन इस बीमारी के चपेट में बच्चे अधिक आ रहे हैं। वहीं आमतौर पर खांसी, कफ, जुकाम कई लोगों में देखे जा रहे हैं। क्या डेंगू के लक्षण बड़ों और बच्चों दोनों में एक जैसे होते हैं? किस तरह से डेंगू से बचा जाए, डेंगू कितना खतरनाक हो सकता है? डेंगू से बचाव के उपाय। पाठकों को बता रहे हैं डॉ शरद थोरा, MGM कॉलेज के पूर्व डीन, इंदौर।
डेंगू किस कारण से फैलता है?
इस मौसम में मच्छरों की अधिकता होती है। इसका कारण है गड्ढों में पानी भरा होना, पानी जमा हो जाना, कभी कूलर भी चालू कर लिया जाता है। आस-पास साफ या गंदा पानी जमा होना डेंगू होने का कारण है। पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इस वजह से मच्छरों को प्रकोप बढ़ता है।
- यह वायरस मच्छर से मनुष्य में इंफेक्ट कर देता है। इसे विक्टर बॉन डिसीज कहते हैं। यहीं मच्छर एक इंसान को काटने के बाद दूसरे इंसान को काटता है और संक्रमण फैलता है। मच्छर एक इंसान को संक्रमित करने के बाद दूसरे इंसान को संक्रमित करते हैं।
डेंगू से बचाव के उपचार क्या है?
- हमेशा फुल स्लीव्स के कपड़े पहन कर रखें।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- ऑडोमास लगाएं।
- रॉल ऑन लगाया जाता है।
डेंगू के लक्षण क्या है?
- 100 से 102 डिग्री तक बुखार आता है।
- बुखार आने के बाद हाथ-पैर में दर्द बना रहना। इसे ''हड्डी तोड़ बुखार'' भी कहते हैं।
- उल्टी, सिरदर्द, भूख नहीं लगना, चक्कर आना। यह पहला फेज होता है। इस प्रकार से तीन तरह की स्टेज होती है। पहली स्टेज को फेरबाइल कहते हैं, दूसरी स्टेज क्रिटिकल हो जाती है और तीसरी स्टेज रीकवरी स्टेज।
-दूसरी स्टेज में बुखार 168 तक भी पहुंच जाता है। इसमें शरीर में सूजन आना, लाल दाने आना, पेट फुलना, लिवर का बढ़ जाना, लाल चकत्ते पड़ने पर ब्लीडिंग होने लगती है। - उल्टी करने पर ब्लीडिंग होना, आंखे एकदम लाल हो जाना । बच्चों के हाथ-पैर एकदम ठंडे पड़ जाना, चक्कर आना जैसी समस्या होने लगती है।
-90 फीसदी डेंगू 15 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है।
- बता दें कि डेंगू वायरस एक बार होकर दूसरी बार भी हो सकता है। क्योंकि इसके वायरस 4 प्रकार के होते हैं। डेंगू वायरस , डेंगू वायरस 2, डेंगू वायरस 3 और डेंगू वायरस 4।
- दूसरे लक्षण - गले में खांसी, गले में तेज दर्द, तेज बुखार होना। ब्लटटेस्ट भी जरूर कराए ।
डेंगू और कोविड-19 का कोई कनेक्शन नहीं है। कोविड में निमोनिया का खतरा होता है इसमें सांस चलना, खांसी बहुत ज्यादा होने का खतरा होता है। अभी फ्लू और डेंगू का खतरा बहुत अधिक है।
प्लेट्स भी कम होती है?
जी हां, बहुत तेजी से होता है। जब बुखार कम हो जाता है इसके बाद क्रिटिकल केस में जाते हैं तो उसमें प्लेटलेट्स घटती है और हिमोग्लोबिन बढ़ता है। इसे हिमोटोक्रिट कहते हैं। प्लेटलेट कम होने पर शरीर में कही से भी खून निकलने लगता है।
- डेंगू होने पर खान-पान में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डेंगू का खान-पान से कोई संबंध नहीं है। घर के आस-पास गंदगी नहीं होना चाहिए, पानी नहीं जमा हो, बर्तनों में पानी नहीं भरा होना चाहिए। जहां मच्छर अधिक होंगे वहां डेंगू का अतिक्रमण अधिक होगा।