Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आखिर क्यों फलों को अखबार में लपेटकर रखा जाता है? सेहत पर पड़ते हैं नकारात्मक प्रभाव

कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं अखबार में लपेटे हुए फल

हमें फॉलो करें Fruits In Newspaper

WD Feature Desk

, सोमवार, 9 सितम्बर 2024 (15:39 IST)
Fruits In Newspaper
Fruits In Newspaper : आपने देखा होगा कि बाजार में फल बेचने वाले अक्सर उन्हें अखबार में लपेट देते हैं। ऐसा क्यों करते हैं? क्या यह सिर्फ एक परंपरा है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है? आइए जानते हैं। ALSO READ: बार बार कॉफी पीने की लग गई है लत? इन 10 तरीकों से सुधारें ये आदत
 
अखबार लपेटने के कुछ मुख्य कारण हैं:
1. नमी नियंत्रण : अखबार फल की सतह से अतिरिक्त नमी सोख लेता है, जिससे फल जल्दी खराब होने से बच जाते हैं। नमी की अधिकता फल को सड़ने और फफूंदी लगने का कारण बन सकती है। ALSO READ: खाने पीने की ये आदतें गट हेल्थ को कर देती हैं बर्बाद! इन 5 बातों का रखें
 
2. सुरक्षा : अखबार फल को बाहरी क्षति से बचाता है। जैसे कि, अगर फल गिर जाए तो अखबार उसे टूटने से बचाता है।
 
3. तापमान नियंत्रण : अखबार फल को बाहरी तापमान के अचानक बदलाव से बचाता है। अखबार एक प्राकृतिक इंसुलेटर की तरह काम करता है, जिससे फल धीरे-धीरे ठंडा या गर्म होते हैं।
 
4. सौंदर्य : अखबार में लिपटे फल देखने में अच्छे लगते हैं और ग्राहकों को आकर्षित करते हैं।
 
5. परंपरा : कुछ लोगों के लिए अखबार में फल लपेटना एक पुरानी परंपरा है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
webdunia
लेकिन, कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं:
1. स्याही का खतरा : अखबार में इस्तेमाल होने वाली स्याही फल के संपर्क में आ सकती है, जिससे फल दूषित हो सकते हैं।
 
2. स्वास्थ्य समस्याएं : अखबार में इस्तेमाल होने वाले रसायन फल के स्वाद और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
 
3. पर्यावरण : अखबार का उपयोग फल लपेटने के लिए पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
 
आजकल, फल लपेटने के लिए कई बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं:
  • पेपर बैग : ये बैग पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और फल को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
  • बांस की टोकरी : ये टोकरी फल को सुरक्षित और स्टाइलिश तरीके से रखने में मदद करती हैं।
फलों को अखबार में लपेटना एक पुरानी परंपरा है, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं। आजकल, फल लपेटने के लिए कई बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं जो पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ALSO READ: रोज सोएंगे रात को 10 बजे तो शरीर में दिखेंगे गजब के फायदे! अच्छी नींद के लिए फॉलो करें ये टिप्स

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गणेश उत्सव पर भगवान गणपति को चौथे दिन कौनसा भोग लगाएं, प्रसाद चढ़ाएं