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जीवन का आनंद उठाना है तो रहें स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित

हमें फॉलो करें जीवन का आनंद उठाना है तो रहें स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित

डॉ. साधना सुनील विवरेकर

आज की व्यस्त जिंदगी में सबसे ज्यादा उपेक्षित होता है शरीर। शरीर जिसके बल पर ही हम जीवन व्यतीत करते हैं, जिसके द्वारा ही जीवन का हर सुख भोगते हैं, जिसके अस्तित्व से ही संसार में हमारी पहचान बनती है वही रोगग्रस्त, कमजोर व बीमार हुआ तो जिंदगी में सब कुछ खत्म हुआ समझें। फिर आपकी दौलत, शोहरत कुछ भी काम नहीं आती।

शरीर के किसी भी हिस्से का छोटे से छोटा दर्द आपकी हर खुशी छीन लेता है, आपको बेचैन कर देता है, सुख-चैन छीन लेता है व उन क्षणों में जिंदगी बेमानी लगने लगती है। अत: कहा ही गया है 'हेल्थ इज वेल्थ' या सबसे बड़ा सुख 'निरोगी काया'। अगर शरीर स्वच्छ होगा तो मन प्रसन्न होगा और मन प्रसन्न होगा तो दिमाग शांत होगा तो ही आप जीवन का हर आनंद उठा सकेंगे वरना जिंदगी बोझ बन जाएगी।
 
स्वस्थ रहने हेतु आवश्यक है कि स्वच्छ रहा जाए और स्वच्छ व स्वस्थ व्यक्ति ही खुश रह सकता है।
 
स्वच्छता
 
1. शरीर के प्रत्येक हिस्से की सफाई व देखभाल प्रतिदिन व कुछ हिस्सों की दिन में 2 या 3 बार आवश्यक है।
2. सिर को ठंडे या गुनगुने पानी से व बालों को 2-3 दिन पश्चात धोना आवश्यक है।
3. चेहरे को ठंडे पानी से दिन में 3-4 बार विशेषकर सोने के पहले धोना चाहिए।
4. स्वच्छ नरम तौलिए का उपयोग हो, तौलिया प्रत्येक व्यक्ति का अलग हो और वह प्रतिदिन धोया जाए।
5. हाथों को कुछ भी खाने से पहले रगड़-रगड़कर हैंडवॉश या साबुन से धोना चाहिए।
6. हर दिन नहाते समय 5-7 मिनट दें व सभी अंगों की सफाई साबुन लगाकर करें।
7. एड़ियां व नाखून स्वच्छ रखें व नाखून यथासमय काटें।
8. हाथों की कुहनियों पर मैल न जमने दें। नींबू, दूध, दही, बेसन जैसी प्राकृतिक चीजों का प्रयोग कर त्वचा की सफाई नियमित करें।
9. बालों में तेल लगाकर सप्ताह में एक बार मसाज करें।
10. दांतों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। दिन में कम से कम 2 बार सही तरीके से ब्रश करें।
11. स्वच्छ धुले हुए कपड़े मौसम के अनुसार पहनें। गर्मी में कॉटन ही पहनें।
12. मेकअप इत्यादि के अत्यधिक प्रयोग से बचें व रात में आलस में मेकअप उतारे बिना न सोएं।
13. सोते समय भी साफ व ढीले वस्त्रों को पहनें।
14. ऊंची एड़ी के जूते-चप्पल जो पैरों को तकलीफ दें, पहनने से पहले सोचें।
15. पार्लर में उपयोग में लाए जाने वाले रसायनों तथा वहां की सफाई की सतर्कता से जानकारी लें।
16. खाना बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें। किचन के बर्तन, टॉवेल, चम्मच सब कुछ साफ-सुथरा हो, विशेषकर जब नौकरों से खाना बनवाएं उनके हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
17. खुले बालों से खाना न बनाएं।
18. बाहर के जूते-चप्पल किचन में आने से बैक्टीरिया व बीमारियां पनपती हैं।
19. फ्रिज की निरंतर सफाई करें।
20. खाना आवश्यकतानुसार ही बनाएं व बासी खाना, खाना टालें।
 
स्वास्थ्य
 
1. अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे आवश्यक है नियमित व्यायाम या योग। कुछ समय स्वयं के लिए निकालकर सुबह घूमने अवश्य जाइए। आधी समस्याएं दूर होंगी।
2. हर उम्र की अपनी समस्याएं होती हैं। 40 वर्ष पश्चात् नियमित जांच प्रतिवर्ष अवश्य करवाएं ताकि बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में ही जाना जा सके।
3. नियमित खानपान, सब्जी-फल, दूध-दही का सेवन करें। यह केवल परिवारजनों के लिए नहीं, स्वयं के लिए भी लें।
4. सुबह के कामों की आपाधापी में नाश्ता इग्नोर न करें।
5. कोई बीमारी पता लगने पर तनाव लेने की बजाय नियमित दवाई लें, डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें व परहेज पालें। मन को मजबूत बनाएं व बीमारी को हावी न होने दें।
6. तनाव लेना छोड़ें। छोटी-छोटी बातों के तनाव फिर वो नौकरी की समस्या हो या आर्थिक, शारीरिक सबका हल है। तनाव लेने से समस्या दूर नहीं होगी, उसका समाधान ढूंढ़ उससे निपटने में अपनी ऊर्जा लगाएं।
7. किसी भी दर्द या परेशानी को झेलते हुए सहनशीलता की मिसाल बनने की बजाए उसका डॉक्टर से निदान करवाएं।
8. अपनी भावनाओं को शेयर करें, अभिव्यक्ति दें, हल्का व प्रसन्न महसूस होगा।
9. दिमाग को शांत व चित्त को प्रसन्न रखने का प्रयास करें।
10. दिल को हमेशा सकारात्मक सोच व ऊर्जा व प्रसन्नता से भरा रखें तभी पूर्ण शरीर स्वस्थ रहेगा व दिमाग में व्यर्थ के नकारात्मक विचारों को न आने दें।
11. हर पल स्वयं को 'मैं ठीक हूं', 'सब कर सकता हूं', 'सब अच्छा होगा' का संदेश देते रहें।
12. सब कुछ ठीक होने पर भी स्वास्थ्य गड़बड़ाए तो परेशान, निराश, उदास हो उसी के बारे में सतत सोचने से अच्छा है कि उसे जीवन का एक पड़ाव व हिस्सा मान सहजता से स्वीकारें।
 
इस प्रकार स्वच्छता का ख्याल रखते हुए खुश रहें। खुशी के लिए आवश्यक है-
 
1. सकारात्मक सोच
2. छोटी-छोटी बातों में आनंद लेने का जज्बा
3. व्यर्थ की चिंता न करना
4. दूसरों की खुशी व सफलता से दुखी व परेशान न होना
5. हर कार्य को अपनी हैसियत व क्षमता से करना
6. 'परफेक्शन' का भूत अपने पर हावी न होने देना
7. रिश्तों व दोस्ती को सहजता से निभाना
8. दिखावटी बातों व चीजों से दूर रहना
9. स्वयं को उचित महत्व देना
10. सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण बात कि संतोषी व समाधानी होने का प्रयत्न करना
11. अपनी इच्छाओं व आकांक्षाओं पर लगाम रखना 
12. दूसरों से व्यर्थ की अपेक्षाएं न रखना
13. संयमित वाणी का सोच-समझकर प्रयोग
14. अपनी हार स्वीकारने का बड़प्पन
15. आत्मविश्वास से भरा होकर भी दूसरों को नीचा न दिखाना और न ही समझना
16. जितना हो सके दूसरों की आड़े वक्त में मदद करना
17. अपने लिए जीना सीखना
18. अपनी खुशी व आनंद के लिए हर छोटा-बड़ा काम करना
19. अपने शौक व अपनी प्रतिभा को समझ अपनी रुचि के काम समय निकालकर करना
20. खुशियां तलाशना सीखना।

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