मॉनसून यानी जोरदार बारिश का दौर। खिड़की के बाहर आसमान से खुशियां बरसते देखने का मौसम। हर तरफ हरी चादर फैलने का मौसम और दुखद पहलू कि अस्पताल में मरीजों की भीड़ देखने का मौसम। लग गया ना खुशियों को फुलस्टॉप।
अगर आपको पक्का करना है कि मानसून में बारिश के सुहाने मौसम के दौरान आपकी सेहत को न लगे किसी की नजर तो अभी से शुरू कर दीजिए कुछ खास बातों पर अमल। अपने स्वास्थ्य को पॉवरफुल सुरक्षाकवच देने के लिए आपको शुरुआत करनी होगी एक लिस्ट से जिसमें होगी बारिश से जुड़ी हर मुश्किल का ब्यौरा। जब आक्रमण का पता होगा तभी होगी आपकी पूरी तैयारी।
ऐसी बीमारियां जो खास बारिश की देन हैं।
1. कई तरह के इंफेक्शन : मानसून में कई तरह के इंफेक्शन होने की संभावना होती है। इनमें आम सर्दी जुकाम से लेकर टॉयफॉइड तक शामिल हैं।
2. बड़ी बीमारियां : ये समस्याएं ज्यादा परेशान कर देती हैं। इनमें श्वसनतंत्र में इंफेक्शन, निमोनिया, हेपेटाइटिस, क्लोरिया, पोलियो और टॉयफॉइड शामिल हैं।
3. मलेरिया : मलेरिया बहुत तेजी से और बहुत बड़े पैमाने पर फैलता है। यह हवा और पानी जनित इंफेक्शन का परिणाम है।
4. तापमान में गिरावट से होने वाली मुश्किलें : बारिश के बाद तापमान नीचे जाता है ऐसे में सर्दी, अस्थमा और डायबिटीज़ की समस्या नजर आ सकती है।
5. एलर्जी : एलर्जिक राइनाटिस से जूझ रहे लोगों की नाक के अंदर के टिश्यू सूज जाते हैं और उनकी नाक बंद हो जाती है। इन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
6. सिरदर्द : बारिश से पैदा हुई स्वास्थ्य समस्याओं तेज या हल्का सिरदर्द शामिल है। यह शरीर में हो रहे विभिन्न बदलावों की स्थिति में तालमेल बिठाने की समस्या के चलते पैदा होता है।
7. ऑर्गन डेमेज करने वाली समस्याएं : लेप्टोस्पिरोसोस बैक्टेरिया के कारण होता है। यह किसी इंसान या जानवरों में पलता रहता है। अधिक घातक रूप लेने पर यह किडनी, लिवर और श्वसनतंत्र को भारी नुकसान पहुंचाता है।