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कैसे बचें अल्कोहल से होने वाली लिवर डिसीज से, ऐसे अपने लिवर को बनाएं फिट और हेल्‍दी

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लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है और करीब 500 से अधिक आतंरिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है। लिवर का मुख्य काम शरीर से नुकसानदायक पदार्थ जैसे केमिकल्स, अल्कोहल आदि को बाहर निकालना, आवश्यक पोषक तत्वों को वितरित और संग्रहित करना है। लिवर हमेशा स्वस्थ रहे, इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए। एक ओर आधुनिक भारतीय भोजन अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट और वसायुक्त होता जा रहा है दूसरी ओर अल्कोहल का सेवन भी बढ़ा है, जिसके कारण दिल की बीमारियों, असामान्य कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप (बीपी), मुधमेह और लिवर से जुड़ी बीमारियों के लक्षण सामने आ रहे हैं। हमारे भोजन में किए गए बदलावों से लिवर सर्वाधिक रूप से प्रभावित होता है। हम क्या खाते हैं और कैसा जीवन जीते हैं उनमें आवश्यक सुधार कर यह संभव है कि हम अपने लिवर को स्वस्थ रख सकें।

लिवर संबंधित बीमारियां
मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. हरिप्रसाद यादव ने बताया कि भारत में लिवर की सबसे घातक बीमारियां फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और सिरोसिस है। एल्कोहोलिक लिवर डिसीज़, लिवर को नुकसान पहुंचाती है एवं उसके कार्य को प्रभावित करती है। नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिसीज़ (एनएएफएलडी) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं के भीतर वसा जमा हो जाता है जिससे लिवर को नुकसान पहुंचता है। यह आमतौर पर मोटे लोगों, टाइप 2 डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ जीवन शैली वाले व्यक्तियों में देखा जाता है। लिवर को हमें वह देखभाल देने की आवश्यकता है, जिसका वह हकदार है।
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शराब पीने से बचें या लिमिट तय करें
यदि कोई नियमित रूप से शराब पी रहा है, तो 10 से 15 साल बाद लिवर सिरोसिस हो सकता है। कभी कभार शराब पीने वाले जब एक ही बार में भारी मात्रा में पियें तो भी उनका लिवर खराब हो सकता है। सच तो यह है कि सप्ताह में एक रात 5 पेग शराब पीना शरीर के लिए हर दिन शराब के एक पेग की तुलना में बहुत बुरा होता है। ऐसे शरीर उच्च स्तर की विषाक्तता से पीड़ित होते हैं। इसलिए शराब के सेवन को सीमित करना चाहिए या संभव हो तो बंद ही कर देना चाहिए। ज्यादा शराब पीने से मोटापा, हिपेटाइटिस, पीलिया, सिरोसिस जैसे लिवर सम्बंधित कई रोग हो सकते हैं और यहां तक कि लिवर कैंसर होने की भी संभावना होती है।

वजन नियंत्रित करें
अधिक वजन होना लिवर के लिए खतरा है, क्योंकि शरीर का अतिरिक्त वसा इसमें जमा हो जाता है। स्वस्थ लिवर के लिए सही वजन रखें। नियमित व्यायाम से अपना वजन नियंत्रण में रखने से फैटी लीवर होने का खतरा कम हो जाता है। यह लीवर की सबसे तेज़ी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। वजन कम करने से लिवर की चर्बी कम हो सकती है। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें, जैसे तेज चलना, एक्सरसाइज इत्यादि। टेलीविजन देखने या वीडियो गेम खेलने को सीमित करें।

अधिक दवाएं न लें
कुछ दवाओं और हर्बल दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो लिवर की समस्याओं का कारण बनते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह लिए खुद से कोई दवा न लें।

हेपेटाइटिस संक्रमण से बचाव करें
हेपेटाइटिस ए और बी से बचने के लिए टीके उपलब्ध हैं। हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाएं। अपनी व्यक्तिगत चीज़े जैसे रेज़र, टूथब्रश इत्यादि किसी के साथ शेयर न करें। टैटू बनवाते समय सावधानी बरतें। कीटनाशक, पेंट स्प्रे और एरोसोल क्लीनर का उपयोग करते समय सावधानी बरतें।

संतुलित आहार लें
आप जो कुछ भी खाते या पीते हैं, वह लिवर से होकर गुजरता है। आपको इसका सही तरह से ख्याल रखने की आवश्यकता है ताकि यह स्वस्थ रह सके और ठीक से अपना काम कर सके। अपने आहार में अधिक सब्जियां और फल शामिल करें। साबुत अनाज और कम वसा वाले डेरी प्रोडक्ट खाएं। स्वस्थ लिवर के लिए सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन वाला आहार जरूरी है। घर पर खाना बनाते समय या बाहर खाते समय कम वसा वाले खाने के विकल्प चुनें।

पर्याप्त मात्र में पानी या तरल पदार्थों का सेवन करें
लिवर आपके शरीर के पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। इसका महत्व बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इनसे किडनी के जरिए ढेर सारे जहरीले रासायनिक पदार्थों को शरीर से बाहर करने में मदद मिलती है। यदि आप अपने लिवर की अच्छी तरह से देखभाल नहीं करेंगे तो आप इसे आसानी से नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने सामान्य स्वास्थ्य का ध्यान रखकर ही आप अपने लिवर की देखभाल कर सकते हैं।
edited by navin rangiyal

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