सेहतमंद रहने के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है। योग के माध्यम से मन- मस्तिष्क को शांत रखा जा सकता है वहीं शरीर को फिट रखने के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। वहीं प्राणायाम में कपालभाती का बहुत महत्व होता है। इसका नियमित अभ्यास आपको बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है।
हमने बात की योग प्रशिक्षक संगीता दुबे से और जाना कपालभाती के लाभ के बारे में। और इसे घर पर कैसे किया जा सकता है? आइए जानते हैं।
योग प्रशिक्षक संगीता दुबे बताती हैं कि कपालभाती को प्राणायाम का एक हिस्सा माना गया है। इसमें तेजी से सांस छोड़ने की क्रिया की जाती है जिससे विभिन्न बीमारियों का इलाज हो सकता है। कपालभाती 2 शब्दों से मिलकर बना है कपाल यानी माथा और भाती का अर्थ है तेज। कपालभाती प्राणायाम करने से शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से कार्य करने में सक्षम होते हैं और खून को शुद्ध करने में मदद मिलती है।
कपालभाती को घर पर कैसे करें?
अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं। अपने हाथों को घुटनों पर रखें और एक लंबी गहरी सांस अंदर लें।
सांस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचें। पेट की मांसपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रखकर महसूस भी कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचें।
जैसे ही आप पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हैं, सांस अपने आप ही आपके फेफड़ों में पहुंच जाती है।
कपालभाती 5 मिनट से शुरू करके 10 और 30 मिनट तक किया जा सकता है।
कपालभाती प्राणायाम करते समय जोर से सांस को बाहर छोड़ें।
सांस लेने के लिए अधिक चिंता न करें।
आप जैसे ही अपने पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हैं, आप अपने आप ही श्वास लेने लगते हैं।
कपालभाती के लाभ
यह पाचन क्रिया को अच्छा करता है और पोषक तत्वों को बढ़ाता है।
यह वजन कम करने में मदद करता है।
नाड़ियों का शुद्धिकरण करता है।
रक्त शुद्ध होता है और चेहरे पर चमक बढ़ाता है।
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को ऊर्जावान करता है।
मन को शांत करता है।
कपालभाती से एसिडिटी व गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।