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26 जून : अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

हमें फॉलो करें 26 जून : अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। शराब, सिगरेट, तम्‍बाकू एवं ड्रग्‍स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हि‍स्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज के समय में फुटपाथ और रेल्‍वे प्‍लेटफार्म पर रहने वाले बच्‍चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं।

लोग सोचते हैं कि वो बच्‍चें कैसे नशा कर सकते है जिनके पास खाने को भी पैसा नहीं होता। परंतु नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थो की ही जरुरत नहीं होती, बल्कि व्‍हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स और झंडु बाम का सेवन करना, कुछ इस प्रकार के नशे भी किए जाते हैं, जो बेहद खतरनाक होते हैं। नशे की लत ने इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्‍यक्‍ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है।

नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।

जानिए नशे के प्रकार - 
 यह जरुरी नहीं है कि नशा सिर्फ मादक पदार्थों का सेवन कर ही किया जाए, नशा किसी भी प्रकार का हो सकता है। जानिए नशे के विभिन्न प्रकार - 

1. मादक पदार्थों का सेवन - मादक पदार्थों के सेवन में शराब, सिगरेट, ड्रग्‍स, हेरोइन, गांजा, भांग आदि शामिल हैं।

2. अन्‍य - शोधकर्ताओं के अनुसार हर वह चीज जो आपको जिसकी आपको लत लग जाए, नशे की श्रेणी में ही आता है। ऐसी ही कुछ आदतें हैं जिन्हें छोड़ना बेहद मुश्किल होता है जैसे - मादक पदार्थों के अलावा चाय, काफी, वर्तमान समय के नवीन यंत्र जैसे - विडियो गेम्‍स, स्‍मार्ट फोन, फेसबुक आदि का ज्‍यादा मात्रा में उपयोग भी नशे की श्रेणी में आते है। 
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नशे का युवा वर्ग पर प्रभाव - वर्तमान में सबसे ज्‍यादा नशा युवा पीढ़ी कर रही है। युवा, जिसके हाथ में देश का भविष्य है वही नशे में बर्बाद हो रहा है। युवाओं में नशा करने की वजह उनकी बढ़ती उम्र के शौक होते हैं, कुछ युवा परिवार की विपरीत परिस्‍थितियों के कारण भी नशा करने पर मजबूर हो जाता है, कुछ लोग मानसिक तनाव से भी ग्रसित होकर नशा करते हैं या उनके माता-पिता उन्‍हें समय नहीं देते। कुछ ऐसे कारणों से भी युवा वर्ग नशे की चपेट में आ जाता है। युवाओं की नई उम्र के जोश में युवा नशे के लिए कुछ भी कर सकता है। वह अपराध करने से भी नही चुकता है।
 
नशे से हानियां - 
1. मादक पदार्थों के सेवन का सबसे बड़ी हानि, स्वास्थ्य की हानि है। इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है।
2. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है।
3. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सदैव अपने ख्‍यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्‍यादा मतलब नहीं होता है।
4. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होता है।
5. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति अपने समाज एवं परिवार से बिलकुल दूर हो जाता है।
6. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति सबसे ज्‍यादा दुर्घटनाओं का शिकार होता है। 

 नशा मुक्‍ति के उपाय -
1. सरकार द्वारा भारत के सभी राज्‍यों में नशा मुक्‍ति केन्‍द्र खुलवा दिए गए हैं, जो नशे से छुटकारा पाने के लिए बहुत उपयोगी है। 
2. होम्‍योपैथी का इलाज नशा मुक्‍ति के लिए अच्‍छा उपाय है। 
3. नशा मुक्‍ति के लिए किसी काउंसलर की सलाह लेना युवा वर्ग के लिए सही उपाय है।
4. नशा मुक्‍ति के लिए आयुर्वेद में भी बहुत से उपाय है जो सफल हुए हैं, इन्हें अपनाया जा सकता है। 

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