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एंटीबायोटिक से बचें, कमजोर हो सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

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जब भी हमें छोटी-मोटी सेहत समस्या, हल्का सा दर्द व घाव आदि होता है तो हमारा शरीर उसे अपने आप ठीक करने में भी सक्षम होता है। लेकिन कई लोग जरा सी भी परेशानी होने पर अत्यधिक एंटीबायोटिक का सेवन करते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से है तो आइए, आपको बताते हैं कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर होने से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए - 
 
एंटीबायोटिक - हममें से कई लोगों की आदत होती है, एंटीबायोटिक्स दवाओं का अत्यधिक सेवन करना। लेकिन गैरजरूरी समय पर इनका सेवन  करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। अत्यधिक जरूरत के समय ही एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें।
एंटीबायोटिक के खतरे 
-जानलेवा संक्रमणों से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक अब भी एक कारगर हथियार है लेकिन इसके नुकसान बहुत हैं। इसीलिए दुनिया फिक्रमंद है।
 
-भारत में एंटीबायोटिक के प्रतिरोधी संक्रमणों से कारण हर साल 50 हजार से ज्यादा बच्चों की जान जा रही है। इसे सुपरबग कहा जाता है।
 
-एंटीबायोटिक का असर कम होने के कारण बैक्टीरिया इतने मजबूत हो चुके हैं कि हर साल सात लाख लोग इस कारण जान से जा रहे हैं। 2050 तक यह तादाद करोड़ों में पहुंच सकती है।
 
-एंटीबायोटिक दवाएं लड़ती हैं बैक्टीरिया से पैदा होने वाली बीमारियों से। इसका मतलब है कि वे वायरस से नहीं लड़ सकतीं। इसलिए सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों में एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए।
 
-यह दवा सिर्फ पानी के साथ खाई जानी चाहिए। दूध आदि डेयरी प्रॉडक्ट्स इसके प्रभाव को कम कर देते हैं। एक पूरा गिलास पानी पीकर दवा लेनी चाहिए और उसके दो घंटे बाद तक दूध से बनी चीज न खाएं।
 
-एंटीबायोटिक का पूरा एक कोर्स होता है। इसे अचानक नहीं छोड़ना चाहिए। अगर आप थोड़ा सा आराम महसूस होते ही दवा खाना बंद कर देते हैं तो बीमारी के बैक्टीरिया और ताकतवर हो जाते हैं।
 
-पुरानी एंटीबायोटिक दवाएं लगातार कम असरदार होती जा रही हैं क्योंकि जीवाणुओं ने उनके खिलाफ प्रतिक्षमता पैदा कर ली हैं। इसलिए पुरानी दवाएं लेने से परहेज करें।
औषधियां - जब भी आप वायरल या शारीरिक दर्द महसूस करें, ऐसी आयुर्वेदिक या घरेलू औषधि अपने साथ रखें जो प्रतिरोधकता बनाए रखती हैं। 
 
नींद - पर्याप्त नींद न होना आपके दिमाग और शरीर को बेवजह थकावट देता है और आपकी प्रतिरोधता भी कम होती है। हर दिन 8 घंटे की नींद आपको स्वस्थ और खुशगवार रखने में सहायक है।
 
शुगर - शकर खाने से मनाही नहीं है, लेकिन अतिरिक्त शर्करा से भरे खाद्य पदार्थ जैसे सोडा, एनर्जी ड्रिंक, जूस व अन्य पदार्थों से दूरी बनाएं। यह आपकी सेहत का पूरा हिसाब गड़बड़ कर देंगे, और प्रतिरोधकता में कमी भी।
 
धूप है जरूरी - त्वचा को अगर धूप से बचाते हैं, तो विटामि‍न डी की कमी हो सकती है। बल्कि धूप लेना प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसलिए पर्याप्त धूप लेने का नियम बनाएं।
 
जिंक - जिंक की पर्याप्त मात्रा का सेवन भी प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने का एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए अलग से जिंक की गोलियां खाने के बजाए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिनसे आपको नैचुरल जिंक प्राप्त हो।
 
पत्तेदार सब्जियां - पत्तेदार सब्जियां या फिर सलाद जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन खूब करें। इनसे प्राप्त होने वाले एंजाइम्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करते हैं और हर तरह का पोषण प्रदान करते हैं, जिसकी आपको जरूरत है।

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