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महानगरों के लोग नहीं ले पा रहे हैं मीठी गहरी नींद, सर्वे में हुआ खुलासा

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नींद कितनी जरूरी है इसका अंदाजा आप इस तथ्य से लगा सकते हैं कि हर इंसान अपने जीवन का लगभग एक तिहाई हिस्सा सोने में गुजरता है। ऐसे में उन लोगों चैन छिन जाता है जिन्हें नींद नहीं आती। नींद न आने की वजहें अलग अलग हो सकती हैं।  
 
किसी भी इंसान की नींद न आने की मुश्किल किसी समस्या विशेष के कारण हो सकती है जैसे कि किसी का पारिवारिक जीवन में मुश्किल, किसी की प्रोफेशनल जीवन में मंदी या स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ दिक्कतें। कुछ लोग सिगरेट पीने, कम खाने और मोटापे की वजह से भी नींद की कमी से जुझ सकते हैं। 
 
सर्वेक्षण से इतना कुछ लगा पता : हाल ही में मेट्रो सिटीज में किए गए एक सर्वेक्षण में नींद से जुड़ी कुछ खास बातें निकलकर आईं। इस शोध के सब्जेट कामकाजी लोग थे। इस सर्वेक्षण के मुताबिक कल तनख्वाह वाले कर्मियों को नींद न आने की समस्या है। 
 
अच्छी नींद लेने वालों में जो बात एकसमान थी वह यह थी कि वे अपने काम पूरे मन से करते थे और अच्छे परिणामों की खुशी के साथ चैन की नींद ले रहे थे। इसके उलट कम नींद लेने वाले अपने काम ठीक से नहीं कर पा रहे थे और इसकी चिंता से उनकी नींद भी उड़ रही थी। 
 
इस उम्र के लोग ले रहे हैं बढ़िया नींद : जो खासबात सामने आई वह यह थी कि 30 वर्ष से कम उम्र के लोग भरपूर नींद ले रहे थे जो उम्र बढ़ने पर कम होती जा रही थी। बेंगलुरू के रहवासी बिस्तर पर जाने के बाद थोड़ी ही देर में सो जाते हैं वही दिल्ली और मुंबई के लोग बिस्तर पर थोड़ा जागकर सोते हैं। 
 
इस पैटर्न की वजह से शोरशराबा देखा गया। दिल्ली और मुंबई का शोर बाधा बन रहा है। खाने और नींद में 2 घंटे का अंतर रखने वालों की नींद बेहतर देखी गई। दिल्ली के लोग हैवी डिनर कर सोते हैं वहीं मुंबई के लोग कुछ हल्का खाकर सोने जाते हैं।  

 
शादीशुदा या गैरशादीशुदा, किसे आती है बढ़िया नींद? : अविवाहित और बच्चों वाले कपल बढ़िया नींद ले रहे हैं वहीं बिना बच्चे वाले कपल सोने की समस्याओं से जूझ रहे हैं। अगर विवाहित जोड़े अपने साथ बच्चों को सुला रहे हैं तो उनकी नींद में खलल है। धुम्रपान करने वालों की नींद न करने वालों की तुलना में कम है। मोटे लोग भी कम सो पा रहे हैं। कसरत को लेकर जागरूक लोग भी अच्छा सो रहे हैं। जिनका ऑफिस पास है उनकी नींद दूर स्थिति ऑफिस वालों से बेहतर है। 

 
क्या है विशेषज्ञ की सलाह : विशेषज्ञ की सलाह है कि बड़े शहरों में लोग नींद को कम महत्व देते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि अच्छी नींद एक वरदान की तरह है। आपका शरीर शारीरिक और मानसिकतौर से तभी ठीक से काम करेगा जब उसे नींद के रूप में आराम दिया जाए।  

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