कोरोना वायरस संक्रमण की मार इतनी भयावह होगी कि किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। कोविड-19 से ठीक होने के बाद लगातार नई-नई बीमारियां इजाद हो रही है। म्यूकरमाइकोसिस, ब्लड क्लॉटिंग, हेयर फॉल, साइटोमेगालोवायरस आदि। कोविड से ठीक हो रहे मरीजों में ब्रेन फॉग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह नई बीमारी जीवन घातक बीमारी से कम नहीं है। इंटरनेशनल ई-पेपर मेडरिक्सिव ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि कोविड-19 के करीब 58 फीसदी मरीजों में ब्रेन फॉग के लक्षण दिखाई दिए। आइए जानते हैं क्या है ब्रेन फॉग, कोविड मरीजों में किस वजह से लक्षण नजर आ रहे हैं और कैसे पहचाने ब्रेन फॉग के लक्षण।
ब्रेन फॉग क्या होता है
ब्रेन फॉग एक गंभीर समस्या बनकर उभरी है। यह दिमाग से जुड़ी बीमारी है। इसमें दिमाग सही तरीके से काम नहीं करता है। व्यक्ति का कॉन्शियस माइंड बार-बार बाधित होता है। जिस वजह से वह थोड़ी-थोड़ी देर में थक जाता है। ब्रेन फॉग की वजह से ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है,याददाश्त प्रभावित होती है, कई बार उचित निर्णय लेने में भी परेशानी होती है। जारी रिसर्च और न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए मरीजों में ब्लड क्लॉट के बाद यह समस्या सामने आ रही है। यह भी एक कारण हो सकता है। पहले गले में सूजन आना, सिर में खून के थक्के जमना, धीरे -धीरे खून का गाढ़ा होना। रिसर्च के अनुसार यह प्रवृत्ति के कारण होता है। हालांकि बीमारियां इतनी अधिक है कि मरीज भी नहीं समझ पा रहे हैं।
किस कारण से हो रहा ब्रेन फॉग
लगातार जारी रिसर्च में सामने आया कि कोरोना होने के बाद मरीजों के बॉडी में बहुत सारे परिवर्तन आए है। लेकिन सबसे बड़ा कारण यह रहा कि इलाज के दौरान मरीजों को दिए गए इलेक्ट्रोलाइट और शुगर का कम ज्यादा होना। साथ ही दिमाग तक ठीक से ऑक्सीजन नहीं पहुंचना दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
ब्रेन फॉग के लक्षण
कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद मरीज के भिन्न - भिन्न अंगों को बहुत हद तक प्रभावित किया गया है। इसमें अब दिमाग भी शामिल हो गया है। जिस पर पोस्ट कोविड इफेक्ट तेजी से और अलग-अलग स्वरूप में नजर आ रहे हैं। ब्रेन फॉग के प्रमुख लक्षण अभी तक जो नजर आ रहे हैं - थकान होना, सिर दर्द, सोने में परेशानी होना, बदन दर्द होना।
लेकिन इस बीमारी से बच सकते हैं
इस बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए जिससे उन्हें सुकून मिलें। मन को अच्छा लगे। किताबें पढ़ें, योग करें, फिल्में देखें,संगीत सुनें, क्रिएटिविटी कार्य करते रहे, अपने आपको इस तरह की गतिविधियों में व्यस्त रहें यह आपके दिमाग की एक्सरसाइज भी होती रहें।साथ ही इस दौरान किसी प्रकार का नशा नहीं करें। वह आपके लिए घातक साबित हो सकता है।