साबूदाने की खिचड़ी खाने के 2 खास नुकसान
किसी भी खास अवसर पर या व्रत-उपवास के दिनों में हम सभी साबूदाना और उससे बने व्यंजनों का उपयोग खास तौर पर करते हैं। व्रत में हममें से ज्यादातर लोग आलू और साबूदाने के व्यंजन बनाकर खाते हैं, लेकिन ये दोनों चीजें कब्ज बनाने और पाचन बिगाड़ने का काम करती हैं। अगर आप बाजार से खुला साबूदाना खरीदते हैं, तो इसमें मिलावट होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए साबूदाना हमेशा अच्छी क्वॉलिटी और सर्टिफाइड कंपनी का ही खरीदें।
दरअसल सामान्य तौर पर समझा जाए तो साबूदाना पूरी तरह से वानस्पतिक है, यह सागो पाम नामक पौधे के तने व जड़ में पाए जाने वाले गूदे से बनाया जाता है। साबूदाना दिखने में सफेद मोतियों जैसा, लेकिन खाने योग्य पदार्थ है। वैसे साबूदाने की खिचड़ी लोगों में अधिक प्रिय है। साबूदाने की खिचड़ी के अलावा इसके पापड़, चकली, बड़े, टिकिया, खीर, चाट, डोसा, पेटिस आदि कई प्रकार के व्यंजन बनाकर उपयोग में लाया जाता है।
साबूदाना के अधिक सेवन से सेहत के कई दुष्प्रभाव हमें देखने को भी मिलते हैं। जहां इसका अधिक सेवन हमारे मस्तिष्क और हृदय को नुकसान पहुंचाता है, वहीं हमें सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द की शिकायत, उल्टी, रक्त का विकार, सिर दर्द और थायराइड जैसी कई छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। क्या आपको पता है कि फलाहार के रूप में खाया जाने वाला साबूदाना आपकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है। यहां पढ़ें...
1. साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है और जरूरत से ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। यदि आप डायबिटीज के मरीज है तो साबूदाने को अपने डाइट में शामिल करने से पहले अपने फैमिली डॉक्टर से सलाह अवश्य लेना चाहिए।
2. साबूदाने में कैलोरी की मात्रा अच्छी होने के कारण यह वजन बढ़ाने में सहायक होने के साथ-साथ आपको मोटापे का शिकार भी बना सकते हैं, जिस वजह से आप कई दूसरी बीमारियां जैसे- रक्तचाप की समस्या, हार्ट समस्या, मधुमेह, पथरी, कैंसर जैसी बीमारी को भी निमंत्रण देता हैं।
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