यह तो आप जानते ही होंगे कि रूप चतुर्दशी (roop chaturdashi) पर उबटन लगाने के अलावा तेल से स्नान करने का चलन है। ऐसा करने के कई पौराणिक कारण है लेकिन फिलहाल हम जानते हैं कि इस दिन अगर आप सरसों के तेल से मालिश करने के बाद स्नान करें तो आपको क्या लाभ होगा -
1 आमतौर पर रूप चतुर्दशी के आने तक हल्का सर्द मौसम भी हो जाता है। और सर्दी के दिनों में सरसों का तेल सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। यह न केवल आपके शरीर में गर्माहट पैदा करता है बल्कि अपनी तासीर और गुणों के कारण इसका प्रयोग कई तरह की समस्याओं में औषधी के रूप में किया जा सकता है।
2 सरसों के तेल की मालिश से गठिया रोग और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है। ठंड के दिनों में सरसों का तेल गर्माहट के लिए रामबाण इलाज है, हल्के गर्म तेल की मसाज से रूखी-सूखी त्वचा भी नर्म, मुलायम व चिकनी हो जाती है।
3 सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचार भी बेहतर होता है। यह शरीर में गर्माहट पैदा करने में भी मददगार होता है।
4 सरसों तेल को कई लोग एक टॉनिक के रूप में भी प्रयोग करते हैं। यह शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा कर शरीर की कमजोरी को दूर करने में सहायता करता है। इस तेल की मालिश के बाद स्नान करने से शरीर और त्वचा दोनों स्वस्थ रहते हैं।4
5 इसमें विटामिन ई भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो त्वचा को अल्ट्रावाइलेट किरणों और पल्यूशन से बचाता है। साथ ही यह झाइयों और झुर्रियों से भी काफी हद तक राहत दिलाने में मदद करता है।
6 दांतों की तकलीफ में सरसों के तेल में नमक मिलाकर रगड़ने से फायदा होता है, साथ ही दांत पहले से अधिक मजबूत हो जाते हैं।