दीपावली या अन्य त्योहारों पर घर पर बने पकवानों के साथ-साथ बाजार की मिठाईयां आने का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन आजकल बाजार की मिठाइयां भीर संदेह के घेरे में होती हैं। ये मिठाईयां सेहत के लिए बेहद खतरनाक होती हैं और फूड पॉइजनिंग का कारण भी बनती हैं।
चूंकि त्योहार के समय मिठाइयों की मांग अधिक होती है, इन मिठाईयों में प्रयोग किया जाने वाला घी, मावा, शकर या दूध आदि मिलावटी हो सकते हैं, जो सेहत को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाते हैं। सिर्फ मिलावटी चीजें ही नहीं, मिठाइयों पर लगा चांदी का वर्क भी आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।
इसका प्रमुख कारण यह है कि अब बाजार में चांदी के असली वर्क के स्थान पर नकली वर्क का इस्तेमाल किया जाता है, जो एल्युमिनियम या अन्य रसायनों का प्रयोग किया जाता है। कई मामलों में इस वर्क का निर्माण गाय की आंतों की चर्बी से किए जाने की बात भी सामने आई है। दोनों ही मामलों में चांदी का दिखने वाला यह वर्क, न केवल आपके लिवर, किडनी और गले को खराब कर सकता है, बल्कि यह आपको कैंसर का मरीज भी बना सकता है।
लखनऊ के इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ टाक्सकोलॉजी रिसर्च में चांदी के वर्क पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, बाजार में उपलब्ध चांदी के वर्क में निकेल, लेड, क्रोमियम और कैडमियम बहुतायत मात्रा में पाया जाता है जो कैंसर का कारण बन सकता है।
सामान्य तौर पर चांदी का वर्क बनाने के लिए इसमें 99 प्रतिशत चांदी होना अनिवार्य है, लेकिन वैज्ञानिकों ने जब इसमें उपस्थित चांदी की मात्रा पर अध्ययन किा, तो यह पाया कि इसमें चांदी मौजूद ही नहीं है। अत: चांदी के वर्क के बहकावे में आने की बजाए इससे दूर रहना ही बेहतर होगा।