बगैर किसी कारण के सिर में अचानक दर्द शुरू होना और कुछ ही देर में दर्द का अत्यधिक बढ़ जाना । इस प्रकार का सिर दर्द सेहत से जुड़े कई बिंदुओं की ओर इशारा करते हैं। सिरदर्द सिर्फ एक ही तरह का नहीं होता, बल्कि यह सिर के अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरह से हो सकता है। जानें सिरदर्द के इन कारणों और उपायों को -
1 एक तरफा सिददर्द - सिर के एक ही भाग के अर्धगोलाकार हिस्से में होने वाला दर्द माइग्रेन है, जो खतरनाक तो नहीं लेकिन पीड़ादायक जरूर होता है। दरअसल एक बार शुरू होने के बाद यह दर्द लगातार 72 घंटों तक बना रह सकता है। इससे बचने के लिए जरूरी है, कि शुरुआती लक्षण महसूस होने पर ही पेनकिलर या संबंधित दवा पानी में घोलकर पिएं और लाइट बंद कर अंधेरे में आंखें बंद कर लेट जाएं और आराम करें।
2 माथे का दर्द - माथा यानि फोरहेड या ललाट पर होने वाला यह दर्द सामान्य या फिर साइनस के कारण भी हो सकता है। सामान्य तौर पर भाप लेना या फिर गर्म पानी से स्नान करना इस तरह के सिरदर्द में फायदेमंद साबित होता है।
3 सिर में खिंचाव - खिंचाव और दबाव के साथ सिर में दर्द होना ज्यादातर अत्यधिक तनाव लेने की स्थिति में होता है। इस प्रकार का दर्द एक सीमा तक बढ़ता है फिर सामान्य अवस्था में आ जाता है। इस प्रकार का दर्द महसूस होने पर एक झपकी या कुछ देर की नींद लेना फायदेमंद होता है।
4 सिर के पिछले हिस्से में - सिर के पीछे की तरफ होने वाला यह दर्द गर्दन से लेकर सिर के ऊपरी हिस्से तक हो सकता है। तंत्रिका या कमर में किसी तरह परेशानी के कारण इस तरह का सिर दर्द हे सकता है। लंबे समय तक बैठना या अन्य समस्या भी इसका कारण हो सकती है। सिर में इस तरह का दर्द होने पर स्ट्रेचिंग करना या खुली हवा में जाकर सांस लेना आपके लिए काफी मददगार साबित होगा।
5 कनपटी पर - सिर के कनपटी कहे जाने वाले हिस्से में होने वाला यह दर्द जोड़ों की समस्या या फिर अत्यधिक तनाव की ओर इशारा करता है। इसके साथ-साथ कई बार चेहरे के हिस्से और कान में भी दर्द पैदा हो जाता है साथ ही मुंह को खोलने और बंद करने में भी परेशानी होती है। ऐसा होने पर बगैर देर किए जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना ही सही विकल्प है।