वीगन डाइट लेने से शरीर में हो सकती है पोषक तत्वों की कमी
जानिए कैसे पूरी कर सकते हैं ये कमियां ताकि शरीर रहे स्वस्थ
पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जाती है। इस लेख में म आपको विस्तार से बताते हैं कि वीगन डाइट का सेवन करने वाले लोगों में किन पोषक तत्वों की कमी का खतरा रहता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
सिर्फ वीगन डाइट लेने से किन पोषक तत्वों की कमी होती है?- Nutrient Deficiencies in Vegan Diet in Hindi
सिर्फ वीगन डाइट का सेवन करने वाले लोगों में इन पोषक तत्वों की कमी का खतरा रहता है:
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विटामिन B12:
मांस, मछली, अंडे, और डेयरी उत्पाद विटामिन B12 का प्रमुख स्रोत हैं। वीगन डाइट में इसके प्राकृतिक स्रोत नहीं होते, जिससे इसकी कमी होने की संभावना अधिक होती है।
प्रभाव: कमजोरी, थकान, नसों में दर्द और एनीमिया।
बचाव: विटामिन B12 के सप्लीमेंट्स लें और अपनी डाइट में फोर्टिफाइड फूड्स जैसे सोया मिल्क, अनाज, और पौष्टिक यीस्ट का सेवन करें।
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आयरन:
वीगन डाइट का सेवन करने वाले लोगों में आयरन की कमी हो सकती है।
प्रभाव: एनीमिया, थकान, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली।
बचाव: हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सूखे मेवे, और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन करें। साथ ही, विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों के साथ आयरन का सेवन करें जिससे आयरन का अवशोषण बढ़ सके।
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कैल्शियम:
वीगन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स कम होते हैं, जिसकी वजह से कैल्शियम की मात्रा कम होने का खतरा रहता है।
प्रभाव: कमजोर हड्डियां और ऑस्टियोपोरोसिस।
बचाव: कैल्शियम फोर्टिफाइड प्लांट मिल्क, टोफू, तिल के बीज, बादाम, और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक का सेवन करें।
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विटामिन D:
सूरज की रोशनी और कुछ मछली व डेयरी उत्पाद विटामिन D का मुख्य स्रोत होते हैं। वीगन डाइट में इन फूड्स को नहीं शामिल किया जाता है।
प्रभाव: हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द।
बचाव: सूरज की रोशनी में समय बिताएं, विटामिन D फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन करें, और जरूरत पड़ने पर सप्लीमेंट लें।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड:
यह मुख्य रूप से मछली में पाया जाता है। वीगन डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का सोर्स कम रहता है।
प्रभाव: हृदय संबंधी समस्याएं, सूजन, और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव।
बचाव: चिया सीड्स, फ्लैक्ससीड्स, अखरोट और अलसी के तेल का सेवन करें।
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जिंक:
जिंक की कमी शाकाहारी आहार में आम है क्योंकि इसका प्रमुख स्रोत मांस होता है।
प्रभाव: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, बाल झड़ना, और घाव भरने में देरी।
बचाव: कद्दू के बीज, चना, मसूर दाल, और नट्स का सेवन करें।
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प्रोटीन:
मांस और डेयरी उत्पादों के बिना, शाकाहारी लोगों को पर्याप्त प्रोटीन मिलना मुश्किल होता है।
प्रभाव: मांसपेशियों की कमजोरी, थकान।
बचाव: दालें, बीन्स, टोफू, टेम्पेह, और क्विनोआ का सेवन करें।
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