धीरे-धीरे बढ़ती ठंड बच्चे, बुजुर्ग और आम आदमी को तो प्रभावित करती ही है, साथ ही कुछ रोगियों के लिए यह मौसम अधिक परेशानी भरा हो सकता है। अस्थमा के अलावा कैंसर के मरीजों को भी ठंड के मौसम में अधिक ध्यान रखने की जरुरत होती है।
हालांकि एक लिहाज से कैंसर मरीजों के लिए ठंड का मौसम फायदेमंद भी है लेकिन इस मौसम में यदि सेहत का ख्याल नहीं रखा गया तो काफी परेशानी भी हो सकती है।
इस मौसम में अधिक प्यास नहीं लगती और पानी पीने की जरुरत भी कम पड़ती है। कीमोथैरेपी के कारण मुंह में छालों की समस्या अधिक होती है, जिससे पानी या अन्य पेय पदार्थों को पीने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में कीमोथैरेपी अपनाने वाले कैंसर के मरीजों के लिए इस मौसम में थोड़ी राहत जरूर होती है। लेकिन दूसरी ओर यह मौसम कैंसर रोगियों के लिए खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि इस मौसम में नमी के कारण संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
चूंकि कैंसर रोगियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता सामान्य लोगों की तुलना में बेहद कम होती है इसलिए उन्हें संक्रमण से खुद को बचाने की अधिक आवश्यकता होती है। इसके अलावा सर्दी और फ्लू से बचने की भी बहुत आवश्यकता होती है।
कैंसर के रोगियों को अपने आसपास विशेष तौर पर तापमान को सामान्य बनाए रखने की जरुरत होती है। कैंसर विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं, कि कैंसर रोगियों को सामान्य लोगों की अपेक्षा शरीर को अधिक गर्म रखनेकी आवश्यकता होती है। इसका ध्यान रखते हुए उन्हें अपने शरीर को गर्म कपड़ों से ढंककर रखना चाहिए और हाथ, पैर, सिर और कानों को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए बचाव अपनाने चाहिए।