workout safety: आजकल फिटनेस का क्रेज़ हर तरफ है। लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं, रनिंग करते हैं, और अपनी बॉडी को फिट रखने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। यह एक अच्छी आदत है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्कआउट के जुनून में कहीं आप अपने दिल को नज़रअंदाज़ तो नहीं कर रहे हैं? अगर ऐसा है, तो यह हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा सकता है!
क्यों ज़रूरी है दिल की सेहत का ध्यान रखना?
हमारा दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह लगातार काम करता रहता है, रक्त पंप करता है और हमारे पूरे शरीर को ऑक्सीजन व पोषक तत्व पहुंचाता है। जब हम वर्कआउट करते हैं, तो दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यदि आप सही तरीके से वर्कआउट नहीं करते या अपनी क्षमता से अधिक ज़ोर लगाते हैं, तो यह आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकता है।
ज़्यादा वर्कआउट और हार्ट अटैक का संबंध
आपने अक्सर सुना होगा कि 'अति हर चीज़ की बुरी होती है'। यह बात वर्कआउट पर भी लागू होती है। अत्यधिक या गलत तरीके से किया गया वर्कआउट आपके दिल को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है:
अरिथमिया (Arrhythmia): बहुत ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। इसे अरिथमिया कहते हैं, जो कभी-कभी गंभीर हार्ट प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है।
दिल की मांसपेशियों में सूजन (Myocarditis): अत्यधिक ज़ोर लगाने से दिल की मांसपेशियों में सूजन आ सकती है, जिसे मायोकार्डिटिस कहते हैं। यह दिल के कार्य को प्रभावित कर सकता है।
प्लाक टूटना (Plaque Rupture): यदि आपकी धमनियों में पहले से ही प्लाक जमा है (जो कोलेस्ट्रॉल और फैट से बनता है), तो अत्यधिक परिश्रम से यह प्लाक टूट सकता है। यह तुरंत रक्त का थक्का बना सकता है, जिससे हार्ट अटैक आ सकता है।
ओवरट्रेनिंग सिंड्रोम (Overtraining Syndrome): लगातार बिना पर्याप्त आराम के वर्कआउट करने से शरीर पर अत्यधिक तनाव पड़ता है। इससे हार्मोनल असंतुलन, थकान और दिल पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।
कैसे करें समझदारी से वर्कआउट?
तो क्या इसका मतलब यह है कि वर्कआउट छोड़ दें? बिल्कुल नहीं! बस कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने दिल को सुरक्षित रखते हुए फिट रह सकते हैं:
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धीरे-धीरे शुरुआत करें: अगर आप नए हैं, तो हल्के वर्कआउट से शुरू करें और धीरे-धीरे इंटेंसिटी बढ़ाएं।
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अपनी सीमा जानें: अपने शरीर की सुनें। यदि आपको चक्कर आना, सीने में दर्द, या सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी हो, तो तुरंत रुक जाएं।
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वार्म-अप और कूल-डाउन: वर्कआउट से पहले वार्म-अप और बाद में कूल-डाउन करना न भूलें। यह दिल को धीरे-धीरे एडजस्ट करने में मदद करता है।
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पर्याप्त आराम: मांसपेशियों को रिकवर होने का समय दें। हर दिन इंटेंस वर्कआउट न करें।
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सही आहार: संतुलित और पौष्टिक आहार लें। यह आपके दिल और शरीर दोनों के लिए ज़रूरी है।
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हाइड्रेटेड रहें: वर्कआउट के दौरान और बाद में पर्याप्त पानी पिएं।
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नियमित जांच: यदि आपको कोई पुरानी बीमारी है या आपकी उम्र ज़्यादा है, तो वर्कआउट शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और नियमित जांच कराएं।
याद रखें, फिटनेस का मतलब सिर्फ मस्कुलर बॉडी बनाना नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और मजबूत दिल भी है। इसलिए, अगली बार जब आप जिम जाएं या अपनी रनिंग शूज़ पहनें, तो अपने दिल का भी पूरा ध्यान रखें। आखिर, स्वस्थ दिल ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है!
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