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17 अप्रैल : विश्व हीमोफिलिया दिवस की खास बातें

हमें फॉलो करें 17 अप्रैल : विश्व हीमोफिलिया दिवस की खास बातें
Hemophilia 
 
आज विश्व हीमोफीलिया दिवस (World Hemophilia Day) मनाया जा रहा है। हर साल यह दिन 17 अप्रैल को मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन की खास बातों के बारे में-
 
- हीमोफीलिया रोग की जागरूकता को लेकर यह दिन मनाया जाता है। वैसे तो शरीर के किसी भी हिस्से में कटने के बाद थोड़ा खून बहने के बाद बंद हो जाता है, लेकिन कई लोगों के साथ ऐसा नहीं होता जो कि हीमोफीलिया बीमारी के दायरे में आते हैं। 
 
- हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया द्वारा 'विश्व हीमोफिलिया दिवस' मनाया जाता है। 
 
- इस दिवस की शुरुआत सन् 1989 में हुई थी और फ्रैंक श्नाबेल, जो कि वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया के संस्थापक थे उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य 17 अप्रैल को इसे मनाने के लिए चुना गया। 
 
- हीमोफीलिया एक आनुवांशिक बीमारी है जिसमें खून का थक्का बनना बंद हो जाता है और फिर जब शरीर का कोई हिस्सा कट जाता है तो खून में थक्के बनाने के लिए जरूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं। इससे कटे हुए स्थान से खून बहना अपने आप रुक जाता है, लेकिन जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है उनके शरीर में थक्के बनाने वाले घटक बहुत कम होते हैं और इसी कारण से उनका खून ज्यादा समय तक बहने के कारण उनकी जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। 
 
- हीमोफीलिया एक दुर्लभ ​बीमारी है। हीमोफीलिया 'A' में फैक्टर 8 की कमी और हीमोफीलिया 'B' में घटक 9 की कमी होती है और ये दोनों ही घटक खून में ​थक्का बनाने के लिए बहुत जरूरी होते हैं।' ये बहुत गंभीर बीमारी है और इसे लेकर जागरूकता बहुत कम होने के कारण ही यह दिन मनाया जाता है। 
 
- थ्राम्बोप्लास्टिन जिसमें कि खून को तुरंत थक्का में बदलने की क्षमता होती है। अत: यह बीमारी शरीर में थ्राम्बोप्लास्टिन (Thromboplastin) नामक पदार्थ की कमी की वजह से होती है। यदि किसी के खून में थ्राम्बोप्लास्टिन की कमी है तो उक्त व्यक्ति का खून बहना बंद नहीं होता है। 
 
- यह आनुवांशिक बीमारी होने के कारण यदि माता-पिता में से किसी एक को भी ये बीमारी हैं, तो उनके बच्चे को भी यह रोग होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में उसकी जान जाने का खतरा बन जाता है। 
 
- हीमोफीलिया के लक्षण हल्के से लेकर बहुत गंभीर तक हो सकते हैं। जैसे- नाक से लगातार खून का बहना, मसूड़ों से खून निकलना या आसानी से त्वचा का छिल जाना है। इसके अलावा किसी व्यक्ति के शरीर में आं​तरिक रक्तस्राव के कारण जोड़ों में दर्द होना भी इसका लक्षण होता है।
 
- अत: यह दिन रक्तस्राव से होने वाले विकार को लेकर जागरूकता फैलाने तथा इस रोग से पीड़ित लोगों के लिए एकजुटता दिखाने के लिए यह दिन मनाया जाता है। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


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