हर साल मार्च महीने के तीसरे शुक्रवार को 'वर्ल्ड स्लीप डे' मनाया जाता है। इस साल 19 मार्च यानी आज 'वर्ल्ड स्लीप डे' मनाया जा रहा है।
वर्ल्ड स्लीप डे पहली बार साल 2008 में मनाया गया था। इसके बाद से हर साल मार्च महीने में तीसरे शुक्रवार को 'विश्व स्लीप डे' मनाना शुरू किया गया।
नींद का जिंदगी में बहुत महत्व है। इस दिन का मकसद भी यही है कि लोगों को इसके बारे में पूरी तरह से जागरुक करना। डॉक्टर खुद रोजाना कम से कम 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं। इस साल 'विश्व स्लीप डे' का थीम 'Regular Sleep, Healthy Future' है। आखिर क्या है 'विश्व स्लीप डे' का इतिहास और इसका महत्व।
वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा वर्ल्ड स्लीप डे के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पर्याप्त नींद नहीं लेने के चलते लोग कई तरह की बीमारियों से गुजरते हैं। इससे बचाव के लिए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने 'विश्व स्लीप डे' की शुरुआत की थी। आज दुनियाभर के 88 से अधिक देशों में 'विश्व स्लीप डे' मनाया जाता है। सेहतमंद रहने के लिए पर्याप्त नींद अनिवार्य है। इसके लिए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने वर्ल्ड स्लीप डे की शुरुआत की।
आधुनिक समय में लोग खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव और कम सोने के चलते कई तरह की बीमारियों से परेशान रहते हैं। इनमें कम सोने और तनाव से मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी का यह कदम सराहनीय है। इसके जरिए लोगों में पर्याप्त सोने की जागरूकता फैलती है। अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो रोजाना 8 घंटे जरूर सोएं।