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ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहीं हिना खान को हुई एक और बीमारी म्यूकोसाइटिस, जानिए क्या हैं लक्षण

जानिए क्या होती है म्यूकोसाइटिस और किन लोगों को होता है इससे ख़तरा

हमें फॉलो करें ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहीं हिना खान को हुई एक और बीमारी म्यूकोसाइटिस, जानिए  क्या हैं लक्षण

WD Feature Desk

, शनिवार, 7 सितम्बर 2024 (17:08 IST)
Mucositis breast cancer treatment side effect of chemotherapy: हिना खान ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करके बताया कि उन्हें म्यूकोसाइटिस हुआ है। हिना खान पिछले कुछ समय से थर्ड स्टेज ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं। वे समय समय पर अपने सोशल मीडिया हेंडल से अपनी सेहत और ट्रीटमेंट से जुड़े वीडियो शेअर करती रहती हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही हिना ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके जानकारी दी थी कि उनकी कीमोथेरेपी के 5 सेशन्स हो चुके हैं और 3 सेशन अभी और होने हैं। अब हिना ने एक नै पोस्ट शेयर कर बताया है कि उन्हें म्यूकोसाइटिस हुआ है।

दरअसल, म्यूकोसाइटिस कीमोथेरेपी का एक साइड-इफेक्ट है। म्यूकोसाइटिस क्या होता है और इससे क्या मुश्किल आती है, आज इस आलेख में हम आपको इसी से  जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।ALSO READ: किन फूड्स को खाने से बढ़ जाता है कैंसर का खतरा? बढ़ जाती है शरीर में कैंसर की रिस्क

ब्रेस्ट कैंसर का कैसे होता है इलाज
ब्रेस्ट कैंसर, आजकल महिलाओं में काफी कॉमन हो गया है। इसके ट्रीटमेंट में कीमोथेरेपी, सर्जरी, रेडिएशन, टारगेट थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी की जाती है। कैंसर का ट्रीटमेंट क्या होगा, कैंसर के स्टेज, हार्मोन या मॉलीक्युलर सबटाइप और पेशेंट की ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करता है। सर्जरी के बाद भी पेशेंट को पेन रिलीफ थेरेपी, फिजिकल थेरेपी और अन्य दवाईयों की जरूरत होती है।
 
कीमोथेरेपी का साइड-इफेक्ट्स है म्यूकोसाइटिस
एक्सपर्ट का कहना है कि कीमोथेरेपी के कई साइड-इफेक्ट्स होते हैं। म्यूकोसाइटिस इन्हीं में से एक है। यह एक हेल्थ कंडीशन है, जो अमूमन कैंसर के इलाज के दौरान होती है। इस बीमारी में पेशेंट के मुंह, गले और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में सूजन आ जाती है। आंतों की मेमंबरेन में सूजन और छाले की वजह से पेशेंट को खाने-पीने में दिक्कत होती है।

म्यूकोसा की सूजन को म्यूकोसाइटिस कहा जाता है। यह रेडिएशन थेरेपी के बाद भी हो सकती है। इसमें पेशेंट को काफी दर्द होता है और उसे कुछ भी खाने-पीने में मुश्किल होती है। यह बीमारी सबसे ज्यादा पेशेंट के मुंह और गालों की अंदर की लेयर पर असर डालती है और इसकी वजह से खाना-पानी मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों में इसकी वजह से मुंह और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट के अंदर घाव भी हो जाते हैं। वैसे यह कई बार अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन अगर पेशेंट को इसके लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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