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क्या होमोसेक्सुएलिटी बीमारी है?

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, सोमवार, 1 दिसंबर 2014 (12:16 IST)
होमोसेक्सुएलिटी को स्वीडन में एक तरह की बीमारी समझा जाता था। सन् 1979 में करीब 30 से 40 स्वीडिश लोगों ने काम से एक हफ्ते की छुट्टी मांगी यह कहते हुए कि वे लोग होमोसेक्सुएलिटी महसूस कर रहे हैं और इस तरह से काम करना उनके लिए नामुमकिन है।

इसके साथ ही उन्होंने इस एक हफ्ते की छुट्टी दौरान वे सभी सुविधाएं चाहीं, जो कि किसी बीमारी में छुट्टी लिए जाने के दौरान दी जाती हैं, जैसे कि इस दौरान की तनख्वाह। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि एक महिला, जो कि स्मालैंड नाम की जगह से थी, बीमारी के दौरान मिलने वाले लाभों को लेने में सफल भी हो गई थी।

स्वीडन के विषय में आमतौर पर यह माना जाता है कि यह एक खुले विचारों वाला देश है। होमोसेक्सुएलिटी को यहां 1944 में ही वैधानिक कर दिया गया था, लेकिन फिर भी सन् 1979 तक इसे एक प्रकार की दिमागी बीमारी समझा जाता था।

स्वीडन में होमोसेक्सुअल लोगों के लिए काम करने वाली संस्था RFSL- (The Swedish Federation for Lesbian, Gay, Bisexual and Transgender Rights) ने इस बात की पुष्टि भी की है।

यही वह साल था, जब RFSL ने होमोसेक्सुएलिटी को बीमारी समझे जाने वाले तथ्य से एक सामान्य इच्छा के रूप में माने जाने के लिए एक कदम उठाया। यह कदम था, स्वीडन की सरकारी संस्था 'नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ एंड वेलफेअर' के साथ। स्वीडन में यही संस्था किसी भी लक्षण को बीमारी के तौर पर चिह्नित करती है। सभी RFSL यानी होमोसेक्सुअल लोगों के हितों की रक्षा करने वाली संस्था के सदस्यों को NBHF के पास एक हफ्ते के लिए रुकना था लेकिन ये सभी अपने कामों पर मिलने वाली सोशल सेक्युरिटी का लाभ भी चाहते थे जिसके हिसाब से उन्हें छुट्टी के दौरान का पूरा पैसा दिया जाता था अगर ली गई छुट्टी किसी बीमारी की वजह से हो।

ज्यादातर लोग अपने होमोसेक्सुअल होने के रहस्य को उजागर नहीं करना चाहते थे लेकिन करीब 30 से 40 लोग ऐसे थे जिन्होंने काम से छुट्टी यह कहकर मांगी कि वे गे (Gay) महसूस कर रहे हैं और काम करने में असमर्थ हैं। NBHW ने होमोसेक्सुएलिटी का बीमारी का दर्जा खत्म 19 अक्टूबर 1979 को खत्म कर दिया था।

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