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क्या अपने पालतू जानवर के साथ एक बेड पर सोना है सही? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 27 जून 2025 (16:33 IST)
Health Risks of Co-Sleeping with Pets: पालतू जानवरों, खासकर कुत्तों और बिल्लियों के साथ एक ही बिस्तर पर सोना कई लोगों को आरामदायक और सुकून देने वाला लगता है। अपने प्यारे दोस्त के साथ रात बिताना एक खास तरह का जुड़ाव महसूस कराता है। मायो क्लिनिक स्लीप सेंटर द्वारा साल 2017 में की गई एक रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, पालतू जानवरों के साथ सोने से कुछ हद तक मेंटल हेल्थ में सुधार हो सकता है। यह तनाव कम करने और बेहतर नींद लाने में मददगार साबित हो सकता है। पालतू जानवर हमें भावनात्मक सहारा देते हैं और उनकी मौजूदगी से अकेलापन दूर होता है।

लेकिन, सिक्के का दूसरा पहलू भी है। जहां भावनात्मक लाभ हैं, वहीं कुछ स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी हैं जिन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।

पेट्स के साथ बेड शेअर करने के संभावित स्वास्थ्य जोखिम (Health Risks of Co-Sleeping with Pets)
एलर्जी और श्वसन संबंधी समस्याएं: जानवरों के बाल, डेंडर (त्वचा के छोटे-छोटे कण) और धूल आपकी स्किन या सांस की नली को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को एलर्जी या अस्थमा है, तो पालतू जानवर के साथ सोने से रात में छींकें, खांसी, खुजली और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

संक्रमण का खतरा: पालतू जानवर बाहर से मिट्टी और बैक्टीरिया अपने साथ ला सकते हैं। इसके अलावा, जानवरों से जूनोटिक डिजीज का खतरा भी होता है, जो जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारियां हैं। इनमें स्कैबीज, रिंगवर्म , या टिक्स द्वारा फैलने वाली बीमारियां शामिल हैं। यदि पालतू जानवर को समय पर वैक्सीनेट और डीवॉर्म न किया गया हो, तो ये रिस्क और बढ़ जाता है। नियमित पशु चिकित्सा जांच बहुत ज़रूरी है।

नींद में व्यवधान: भले ही कुछ लोगों को पालतू जानवरों के साथ सोने से अच्छी नींद आती हो, लेकिन कई बार उनकी गतिविधियां, जैसे कि रात में चलना, खर्राटे लेना, या जगह बदलना आपकी नींद में खलल डाल सकता है। इससे आपकी नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

 
क्या करें?
यदि आप अपने पालतू जानवर के साथ सोना पसंद करते हैं, तो कुछ सावधानियां बरत कर जोखिमों को कम किया जा सकता है:
नियमित सफाई: अपने पालतू जानवर को नियमित रूप से नहलाएं और उनके फर को ब्रश करें ताकि डेंडर और ढीले बाल कम हों।
स्वच्छता का ध्यान: बिस्तर की चादरें और तकिए के कवर को नियमित रूप से धोएं। पालतू जानवर के पंजे साफ करें जब वे बाहर से आएं।
टीकाकरण और डीवॉर्मिंग: सुनिश्चित करें कि आपके पालतू जानवर का टीकाकरण और डीवॉर्मिंग समय पर हुआ हो। नियमित पशु चिकित्सा जांच करवाएं।
अपनी सेहत का ध्यान: यदि आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को एलर्जी या अस्थमा जैसी कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो पालतू जानवर के साथ सोने से बचें।
वैकल्पिक व्यवस्था: यदि आप बिस्तर साझा नहीं करना चाहते हैं, तो पालतू जानवर के लिए बिस्तर के पास एक आरामदायक बिस्तर या क्रेट (Crate) की व्यवस्था करें।


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