वैज्ञानिकों ने एक ऐसी स्वचालित रोबोटिक प्रणाली विकसित की है, जो छोटे मानवीय अंगों को तेजी से विकसित कर सकती है। ऐसे अंगों का इस्तेमाल चिकित्सा शोध और दवाओं के परीक्षण के लिए किया जा सकता है।
बायोमेडिकल शोध के लिए कोशिकाओं को विकसित करने का परंपरागत तरीका नियंत्रित परिस्थितियों में कोशिकाओं को सपाट और 2 आयामी चादर के रूप में विकसित करना है। हाल के वर्षों में शोधकर्ता स्टेम सेल को और अधिक जटिल, थ्रीडी ढांचे में विकसित करने में सफल रहे हैं।
इन्हें छोटे अंग या ऑर्गेनॉइड कहा जाता है। ये अल्पविकसित अंगों की तरह होते हैं और उसी तरह काम करते हैं। इन गुणों के कारण ऑर्गेनॉइड बायोमेडिकल शोध के लिए आदर्श होते हैं। हालांकि इस तरह के अंगों को बड़े पैमाने पर विकसित करना एक चुनौती है।
'सेल स्टेम सेल' नाम के जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन ने स्टेम सेल को ऑर्गेनॉइड के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया को स्वचालित बनाने के लिए रोबोटिक प्रणाली का इस्तेमाल किया है। वयस्क स्टेम सेल के साथ इस तरह के प्रयास सफल रहे हैं लेकिन यह पहली बार है, जब प्लूरिपोटेंट स्टेम सेल से ऑर्गेनॉइड का सफल स्वचालित उत्पादन संभव हुआ है। इस किस्म की कोशिका से किसी भी तरह का अंग विकसित किया जा सकता है। (भाषा)