देश के कई हिस्सों में डेंगू के मामले बढ़ते नज़र आ रहे हैं। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। इसलिए इस मौसम में अगर आपको बुख़ार आता है, तो डेंगू की जांच ज़रूर करा लें। डेंगू होने पर बुखार के अलावा सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द भी होता है।
इसके अलावा आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमज़ोरी, भूख न लगना, गले में दर्द होना, मुंह का स्वाद खराब हो जाना और शरीर पर रैशेज़ जैसे लक्षण भी नज़र आ सकते हैं। इससे बचने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि यह होता कैसे है।
डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये खास तरह के मच्छर होते हैं, जिनके शरीर पर चीते जैसी धारियां पाई जाती हैं। ये मच्छर खासतौर पर सुबह के समय काटते हैं।
जो शख्स डेंगू से पीड़ित होता है, उसके शरीर में काफी मात्रा में डेंगू वायरस पाया जाता है। इसके अलावा जब कोई एडीज़ मच्छर किसी डेंगू के मरीज़ को काटता है तो उसका खून भी चूसता है। इसके बाद जब यह मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। क्योंकि मच्छर के काटने से उसके शरीर में भी वायरस पहुंच जाता है। जिससे वह शख्स भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है।
हालांकि, डेंगू के मरीज़ से हाथ मिलाने, उसके साथ बैठने या उसके मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के ज़रिए डेंगू नहीं होता। लेकिन क्योंकि डेंगू दूसरे तरीके से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलाता है, इसलिए इसे संक्रामक रोग ही माना जाता है।
इसके अलावा डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैलाए जाने वाले चार तरह के वायरस के कारण होता है। इनमें सभी वायरस एडीज़ एजिप्टी या फिर एडीज एल्बोपिक्टर मच्छर की प्रजातियों के जरिए फैलते हैं।