Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

विश्व होम्योपैथी दिवस क्यों मनाते हैं?

हमें फॉलो करें homeopathy
, सोमवार, 10 अप्रैल 2023 (11:29 IST)
World homeopathy day 2023: होम्योपैथी एक चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथी इलाज का एक तरीका है। कई देशों में इसकी विश्वसनीयता को लेकर विवाद भी है। प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। होम्योपैथी में राई के दाने के बराबर की मीठी गोलियां होती हैं और इसी के साथ ही कई तरह के सायरप भी होते हैं। होम्योपैथी की खुराक इतनी कम होती है कि शरीर में दवा का सुराग लगाना मुश्किल हो जाता है फिर भी इसे कारगर माना जाता है।
 
क्यों मनाते हैं विश्व होम्योपैथी दिवस- Why celebrate World Homeopathy Day : इस चिकित्सा पद्धति की खोज जर्मन डॉक्टर जामुऐल्स हैनीमैन (1755-1843) ने की थी। उनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था। होम्योपैथी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। हैनीमैन को लगता था कि सक्रिय तत्वों से बनी खुराक शरीर में "ऊर्जा की तरह" असर करती है। 
webdunia
होम्योपैथी के कुछ खास तथ्य : 
- 19वीं शताब्दी में होम्योपैथी को पहली बार प्रमुखता मिली।
 
- होम्योपैथी के डॉक्टर रोग के लक्षण खोज कर ऐसी दवा देते हैं जो वैसे ही लक्षण पैदा करे। 
 
- बारीक करने के लिए तत्वों को पारंपरिक रूप से हिलाया भी जाता है। होम्योपैथी के डॉक्टरों के मुताबिक हिलाने से हुआ कंपन खुराक में समा जाता है। विज्ञान इसे नहीं मानता।
 
- होम्योपैथी की खुराक कई तत्वों से बनती है। दवा बनाने के लिए अक्सर आर्सेनिक और प्लूटोनियम जैसे बेहद विषैले रसायन भी इस्तेमाल किए जाते हैं। पोटैशियम सायनाइड और मर्करी सायनाइड जैसे तत्व भी होम्योपैथी का हिस्सा है।
 
- होम्योपैथी दवाएं बनाने में जड़ी बूटियों, मक्खियों, जुओं, सांप के जहर, कुत्ते की लार या कैंसर कोशिकाओं का भी इस्तेमाल होता है।
 
- होम्योपैथी दवा के केंद्र में क्रिस्टल शुगर होती है, जो उसे गोल आकार देती है। इसे ग्लोबुली भी कहा जाता है। तरल अवस्था में होम्योपैथी दवा में पानी और अल्कोहल से ज्यादा शायद ही कुछ होता है। हालांकि प्राकृतिक क्रियाओं का असर इस पर हो सकता है। ये गोलियां घातक नहीं होतीं।
 
- होम्योपैथी की दवा को लेकर कई विशेषज्ञ इसकी आलोचना करते हैं और मानते हैं कि कई गंभीर रोगों जैसे कैंसर आदि में होम्योपैथी, हृदय रोग, किनडी रोग आदि मामले में इस भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्‍यों वतन छोड़ रहे हैं ‘भारतवासी’, 2022 में 2 लाख 25 हजार भारतीयों ने छोड़ी नागरिकता, 12 साल में ये संख्‍या सबसे ज्‍यादा