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हृदय रोग और टमाटर

टमाटर खाइए और स्वस्थ रहिए

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लाल-लाल टमाटर किसे नहीं भाता? खट्टे-मीठे स्वाद वाले टमाटर के बारे में यह विवाद रहा है कि यह फल है या सब्जी? पर चाहे जो भी हो सारे विश्व में लोग इसके दीवाने रहे हैं। और दीवाने क्यों न हों? इसमें रुप और स्वाद के साथ-साथ अनेक गुण भी तो मौजूद हैं।

योरप में 1,379 व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि जो लोग भोजन में अधिक लाइकोपीन (जो टमाटर में पाया जाता है) लेते हैं, उनमें हृदयाघात के खतरे कम होते हैं। अध्ययन में शामिल अधिकांश लोग प्रौढ़ावस्था के थे और उनमें से 662 को दिल का दौरा पड़ चुका था। अध्ययन के अंतर्गत शरीर में लाइकोपीन की उपस्थिति की मात्रा का आकलन किया गया था।

  योरप में 1,379 व्यक्तियों पर किए गए अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि जो लोग भोजन में अधिक लाइकोपीन (जो टमाटर में पाया जाता है) लेते हैं, उनमें हृदयाघात के खतरे कम होते हैं।      
बीटा केरोटीन की तरह लाइकोपीन भी वसा में घुलने वाला पदार्थ है, जो आँतों में सोखा जाता है। लाइकोपीन की सुरक्षा क्रिया इसके प्रभावशाली ऑक्सीकरण रोधक के रूप में है, जिससे फ्री रेडिकलों के द्वारा कोशिकाओं, अणुओं और जीन्स की क्षति रुकती है। फ्री रेडिकल्स अत्यधिक प्रतिक्रियात्मक अणु हैं, जो रक्त प्रवाह में अन्य पदार्थों से मिलकर हानि पहुँचाते हैं।

उदाहरण के लिए इनमें कोलेस्टरोलिमोआ धमनियों में जम जाता है और आघात का कारण बन सकता है। यह जेनेटिक परिवर्तन करके कैंसर उत्पन्न कर सकता है। फ्री रेडिकल क्षति से सूर्य प्रकाश के कारण होने वाला कैंसर अथवा ओजोन जैसे प्रदूषण में साँस लेने से फेफड़ों की बीमारियाँ हो सकती हैं। अब प्रदूषण भरे वातावरण से बचना हो या हृदय रोग को दूर रखना हो या कोलेस्ट्राल से बचना हो तो खूब टमाटर खाइए और स्वस्थ रहिए।

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