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डॉ. वीएस पॉल
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अनिद्रा एक ऐसी समस्या है जिससे हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी जूझता है। नींद हमे प्रकृति की ओर से मिला हुआ ऐसा वरदान है जो सारे दिन की मेहनत से उत्पन्न हुई थकान को दूर करता है। आहार, निद्रा और मैथुन तीन ऐसी क्रियाएँ हैं जिनसे प्रकृति का हर जीवबँधा हुआ है। अनिद्रा की बीमारी कई मानसिक कारणों से होती है। मानसिक उथल-पुथल के दौरान लोग रात भर नहीं सो पाते हैं। प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की है कि इंसान रात में सोता है तथा दिन में जागकर काम करता है। नवजात शिशु जहाँ अधिकांश समय सोते हुए गुजारते हैं वहीं सामान्य वयस्क अवस्था तक पहुँचते हुए उसके लिए छः से आठ घंटे की नींद पर्याप्त होती है।'नींद की समस्याएँअनिद्रा, अतिनिद्रा, नींद में चिल्लाना़, डर जाना़, नींद में चलने लगनाअनिद्रासाधारणतया एक व्यक्ति लगभग 6-8 घंटे की नींद लेता है। यदि नींद की मात्रा 6 घंटे से कम हो जाए या नींद बार-बार खुलती है, तो व्यक्ति को थकान, आलस्य, चिड़चिड़ाहट, काम में मन न लगना, याददाश्त का कमजोर हो जाना इत्यादि होता है। अनिद्रा का कारण अवसाद, तनाव, चिंताएँ, पीड़ादायक शारीरिक समस्याएँ, नशे का सेवन आदि हो सकते हैं। |
'अनिद्रा एक ऐसी समस्या है जिससे हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी जूझता है। नींद हमे प्रकृति से मिला हुआ ऐसा वरदान है जो सारे दिन की मेहनत से उत्पन्न हुई थकान को दूर करता है। आहार, निद्रा और मैथुन तीन ऐसी क्रियाएँ हैं जिनसे प्रकृति का हर जीवबँधा है। |
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अतिनिद्रा : यदि व्यक्ति 9 घंटे से ज्यादा सोता है या दिन में भी बार-बार सोने की इच्छा करता है, इसकी वजह मानसिक तनाव, अवसाद या शारीरिक विकास हो सकते हैं।
डरावने सपने
व्यक्ति को डरावने सपने जैसे व्यक्ति मुसीबत में हो, जान को खतरा हो आदि आते हैं और व्यक्ति की नींद खुल जाती है। लेकिन वह पूरे होश में न आकर पुनः सो जाता है।
रात में घबराकर चिल्लाना
इसमें व्यक्ति रात में घबराकर चिल्लाता है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है, पसीना आता है। साँस का तेज चलना, मुँह सूखता है और व्यक्ति बहुत डरा हुआ महसूस करता। यह लगभग 10 मिनट के लिए रहता है। जगने पर व्यक्ति को स्वप्न याद नहीं रहते हैं।
नींद में चलना
इसमें व्यक्ति नींद में ही चलने लगता है या कुछ कार्य करता है जैसे कपड़े पहनना, टॉयलेट जाना। घर से बाहर निकल जाना इत्यादि और बाद में फिर सो जाता है। सुबह जगने पर रात में की गई गतिविधियाँ याद नहीं रहती हैं।
अच्छी नींद के लिए यह करें
सोने का समय निर्धारित रखें।
बिस्तर का उपयोग सोने के लिए ही करें।
रात्रि में निद्रा कम करने की चीजों का (चाय, कॉफी, तम्बाकू, अल्कोहल आदि) सेवन न करें।
दिन में नींद न लें।
शारीरिक व्यायाम नित्य करें।
देर रात्रि तक रेडियो, टीवी का उपयोग न करें।
सोने से पहले गर्म पानी से स्नान करें।
शाम का भोजन हल्का करें।
सोने की जगह आरामदायक बनाएँ।
* नींद शरीर की वह व्यवस्था है जिसमें शारीरिक गतिविधियाँ कम होकर शरीर को आराम प्रदान कर पुनः ऊर्जावान बनाती हैं।
* नींद की एक साइकिल लगभग 90 मिनट में होती है। इस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति 3-5 साइकिल की नींद 24 घंटों में लेता है।
* नींद की एक साइकिल के दो भाग होते हैं। प्रारंभिक एनआरईएम स्लीप जो लगगभ 75 प्रश भाग एवं बाद का 25 प्रतिशत भाग आरईएम स्लीप कहलाता है।
* एनआरईएम स्टेज गहरी नींद की स्थिति में होती है जिसमें शरीर में हलचल होती है और देखे गए स्वप्न भी याद नहीं रहते हैं।
* आरईएम की स्थिति में दिमाग चलायमान रहता है, लेकिन शरीर शिथिल होता है। इसमें देखे गए स्वप्न दृश्यमान एवं प्रायः याद रहते हैं।
* यदि एनआरईएम की मात्रा ज्यादा हो तो व्यक्ति अपने को रिलेक्स महसूस नहीं कर पाता है और उसे ऐसा लगता है कि उसे ठीक से नींद नहीं आई जबकि परिवारजन कहते हैं कि नींद ठीक है।