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सु-जोक चिकित्सा : उपचार पद्धति

उपचार के दौरान प्रतिक्रियाएँ

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उपचार के दौरान निम्न प्रतिक्रियाएँ रोगी में परिलक्षित हो सकती हैं-

1. उपचार के बाद शरीर सहज होने के कारण रोगी निंदालु हो जाते हैं, अथक नींद बढ़ जाती है।

2. हाथों द्वारा उत्सर्जी पदार्थों का निष्कर्षन।

3. उपचार के दौरान स्त्रियों में योनि में सफेद स्राव होने लग सकता है।

4. रोगी अपने उत्सर्जी पदार्थों को त्वचा के माध्यम से शरीर के बाहर फेंकता है, परिणामस्वरूप शरीर पर छोटे-छोटे दाने, फफोले या अन्य चर्म रोग संबंधी अपद्रव हो सकते हैं।

5. उपचार के दौरान रोगी को बुखार आ सकता है एवं पूर्व के संक्रमण पुनः उभर के आ सकते हैं।

6. उपचार के दौरान रोगी शांत एवं गहरी निद्रा में सो जाता है।

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7. उपचार से अवरुद्ध विकार बाहर निकलने का प्रयास करते हैं, फलस्वरूप पेशाब की मात्रा में वृद्धि हो जाती है।

8. छींकें आना प्रारंभ हो सकती हैं। अतः उपचार के दौरान किसी भी प्रकार के प्रतिकूल या अनुकूल लक्षण दिखाई दें तो घबराना नहीं चाहिए। निरन्तर उपचार प्रारंभ रखें।

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