इसलिए जरूरी है कि उसे जल्दी-जल्दी भोजन दिया जाए और ऐसा बनाया जाए, जिसमें भरपूर पौष्टिक तत्व भी शामिल रहें। आयरन इस उम्र के बच्चों में लौह तत्वों की कमी होना बहुत आम होता है, क्योंकि इसकी जरूरत बहुत अधिक है और आहार से पूर्ति नहीं हो पाती। यदि बच्चे को विटामिन सी से भरपूर भोजन कराया जाए तो अधिकतम आयरन उसके शरीर में जज्ब होगा। इसलिए शाम के आहार में एक गिलास संतरे का रस फायदेमंद होगा। कैल्शियम कैल्शियम हड्डियों और दाँतों के स्वस्थ विकास के लिए जरूरी तत्व है। बच्चे को नियमित रूप से दूध और दूध से बने पदार्थ देना जरूरी है। इसके मुख्य स्रोत हैं- दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, तिल, संतरे का रस और दालें। विटामिन ए, सी और डी
विटामिन 'ए' स्वस्थ त्वचा और ऊतकों के विकास के लिए जरूरी होता है। यही एक ऐसा विटामिन है जिसकी पूर्ति इस उम्र में आहार से नहीं हो पाती।
विटामिन 'सी' शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने तथा विकास के लिए जरूरी होता है। यह आयरन के शरीर में जज्ब होने में मददगार साबित होता है। खासतौर पर तब जबकि आयरन का स्रोत मांस न हो। जो बच्चे बहुत ही कम फल और सब्जियाँ खाते हैं उनमें विटामिन 'सी' की कमी हो जाती है।
विटामिन 'डी' कैल्शियम के शरीर में जज्ब होने के लिए आवश्यक होता है। विटामिन डी सूर्य के प्रकाश से मिलता है। यदि आपका बच्चा अधिकांश समय घर या स्कूल के अंदर बिताता है तो उसे विटामिन डी की खुराक देना चाहिए।
बाजार में मिलने वाले टॉनिक में अक्सर विटामिन डी जरूर मिलाया जाता है। मुद्दे की बात यह है कि बढ़ रहे बच्चे की खुराक का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।