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मैग्नीशियम का मैजिक है, मजाक नहीं है, पढ़ें एक जरूरी लेख

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स्वरांगी साने

यह प्यार तो नहीं, डॉक्टर से पूछ लेना
 
कुछ करने का मन नहीं हो रहा, भूख नहीं लगती,नींद नहीं आ रही, थकान लग रही है, शायर और प्रेमी इसे प्यार में पड़ने के लक्षण कह सकते हैं लेकिन डॉक्टरों की सलाह मानें तो आपके शरीर में मैग्नेशियम की कमी हो गई है। दिल की असामान्य लय और कोरोनरी ऐंठन के अलावा उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, टाइप 2 मधुमेह,ऑस्टियोपोरोसिस और माइग्रेन भी इसकी कमी से हो सकता है। मैग्नीशियम आपके शरीर में 300 से अधिक ऐंजाइम्स बनाता है जिनसे शरीर में कई रासायनिक प्रक्रियाएँ होती हैं। यदि आपके शरीर में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा नहीं है तो आपको कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
 
हममें से कइयों में इसकी कमी पाई जाती है लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं है कि आपको मैग्नीशियम के सप्लीमेंट लेने होंगे। आप 28 ग्राम के आसपास भुने काजू खा सकते हैं इसमें 74 ग्राम तक मैग्नीशियम हो सकता है। शाम को थोड़े काजू-बादाम खा लेने से भी बात बन जाएगी।
 
तिल के बीज तो कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कॉपर, विटामिन बी1, ज़िंक, डायटरी फ़ाइबर, फ़ास्फोरस, मैंगनीज़ और अमीनो एसिड से परिपूर्ण होते हैं। हाल ही में तिल पर्व बीता है और यदि आपने मकर संक्रांति से रथ सप्तमी तक पर्याप्त तिल का सेवन कर लिया है, तब भी आपकी चिंता कुछ हद तक कम हो सकती है। 
 
पालक,फलियों, नट्स और साबुत अनाज में भी मैग्नीशियम मिलता है। औसतन एक पुरुष को 300 एमजी और महिला को 270 एमजी मैग्नीशियम का नियमित सेवन करना चाहिए।

ध्यान रखिए प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे रिफ़ाइंड (सफेद) आटा और पॉलिश किए (सफेद) चावलों में मैग्नीशियम कम होता है।
 
सरकारी तथ्य पत्र को देखें तो बादाम, सूखे भुने काजू, उबले पालक, मूँगफली के दाने (भुने), अनाज, भूसी युक्त गेहूँ के बिस्कुट, सोया दूध, वनीला आइस्क्रीम, काले बीन्स (पके हुए), गेहूँ से बनी ब्रैड, एवाकेडो, छिलके सहित भुने आलू, ब्राउन चावल, दही, ओटमील, केले और दूध में मैग्नीशियम पाया जाता है। यूके, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी में किए गए अध्ययनों को देखें तो पॉलिश किए हुए चावल, सफ़ेद ब्रैड और प्रसंस्कृत पनीर मैग्नीशियम की कमी के कारक होते हैं। 
 
द बीएमजे में प्रकाशित लेख कहता है कि सॉफ़्ट ड्रिंक्स की अधिकता से मैग्नीशियम की कमी हो सकती है क्योंकि
कई सॉफ़्ट ड्रिंक्स में फ़ॉस्फ़ोरिस एसिड की अधिकता होती है, जबकि स्वस्थ दाँतों और हड्डियों को बनाए रखने के लिए कम मात्रा में फ़ॉस्फ़ेट लिया जाना चाहिए। 
 
रक्त में फ़ॉस्फ़ेट का उच्च स्तर आपके शरीर को मैग्नीशियम और अन्य खनिजों को अवशोषित करने से रोकता है। बहुत अधिक शराब पीने से भी मैग्नीशियम की कमी होने लगती है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ हमारी छोटी
आँतों में मैग्नीशियम को अवशोषित करने की क्षमता प्राकृतिक रूप से कम होने लगती है। मैग्नीशियम की कमी से गुर्दे ठीक से काम करना बंद कर देते हैं।
 
अब इसे पढ़कर यदि आप चिंतित हो रहे हैं तो तुरंत मैग्नीशियम का सेवन शुरू कर दीजिए क्योंकि मैग्नीशियम आपको चिंता और तनाव से राहत दिलाता है। सिरदर्द और माइग्रेन में मददगार होता है और आपकी नींद उड़ गई हो तो यह आपको चैन से सोने में भी मदद करता है।
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