भारतीय भोजन, खान-पान की श्रृंखला में दही का महत्वपूर्ण स्थान है। विशेषकर गर्मियों में इसकी उपयोगिता बढ़ जाती है। यह कुदरती खाद्य, अपने विशिष्ट गुणों के कारण हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकारी है। इसमें कैल्शियम विटामिन डी, फास्फोरस, विटामिन ए होने के साथ-साथ हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो पाचन संबंधी विकारों में लाभ पहुँचाते हैं।
भोजन में इसके उपयोग से तृप्ति का अनुभव होता है, तरावट महसूस होती है। उच्च रक्तचाप को कम करने में दही का सेवन लाभकारी है। दही में शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ाने की अद्भुत क्षमता है। गर्मियों में धूप में निकलने से पहले गिलास भर ठंडी लस्सी का उपयोग लू से बचाता है।
दही से तैयार खाद्य पदार्थ स्वाद और गुणवत्ता का संगम होते हैं। मौसमी सब्जियाँ जैसे ककड़ी, लौकी, आलू, गाजर, शिमला मिर्च, धनिया, पुदीना, प्याज आदि से बनाया गया रायता स्वाद और सेहत दोनों दृष्टि से उपयोगी है। रायता हो या दहीबड़ा, श्रीखंड हो या लस्सी, मठा हो या मिष्टी दही, गर्मियों में आप इन्हें खाने की सूची से अलग नहीं कर सकते। बाजार में बिकने वाले ठंडे पेयों की अपेक्षा दही की लस्सी कई गुना लाभकारी है।
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गर्मियों में दही का सेवन त्वचा को निखार प्रदान करता है। हल्दी, दही, बेसन का उबटन लगाने के बाद अन्य सौन्दर्य सामग्री की आवश्यकता नहीं। क्योंकि यह उबटन ब्लीचिंग का काम करता है। इससे आपकी सुंदरता में निखार आता है। सिर की रूसी दूर करने के लिए दही बालों की जड़ों में मलकर नहाने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है। किसी भी एन्टीडेंड्रफ शैंपू की अपेक्षा यह प्रयोग ज्यादा निरापद और गुणकारी है।
इससे बाल रेशम से मुलायम, मजबूत और चमकदार बनते हैं। बच्चों को दही में विशेष रुचि नहीं रहती। अतः शुरू से ही उनमें दही के प्रति रुचि जगाकर इसका महत्व बताकर उन्हें अवश्य खिलाएँ।