शिमला। हिमाचल प्रदेश में शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (विकास) जहां विकास के अपने एजेंडे पर सवार होकर चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है तो विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की 4 दशक पुरानी परंपरा का पालन करने का अनुरोध कर रही है।
पर्वतीय राज्य में 55 लाख से अधिक मतदाता 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व भाजपा प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं।
भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्रिम मोर्चे पर प्रचार अभियान की कमान संभाली और कहा कि भाजपा के चिह्न कमल के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संभाली।
पिछले 2 चुनावों में लचर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस के लिए भाजपा से हिमाचल प्रदेश छीनना अपने अस्तित्व का सवाल है। कांग्रेस के लिए यह और अहम है, क्योंकि 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति (मल्लिकार्जुन खरगे) ने पार्टी की कमान संभाली है और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रचार से पूरी तरह दूर रहे हैं।
कांग्रेस ने 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, पुडुचेरी और इस साल पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर समेत 9 राज्यों में हार झेली है। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत प्रधानमंत्री मोदी की एक और उपलब्धि होगी जिन्होंने पार्टी के संदर्भ में सत्ता समर्थक लहर का नारा दिया है।
हिमाचल प्रदेश का हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। भाजपा प्रमुख नड्डा ने पहले कहा था कि पार्टी ने ऐसी प्रवृत्ति बनाई है जिसमें लोग मौजूदा सरकारों को फिर से चुन रहे हैं और वहीं अन्य दलों पर उसे तरजीह दे रहे हैं, जहां भाजपा सत्ता में नहीं है। हिमाचल प्रदेश में जीत अगले साल 9 राज्यों में होने वाले चुनावों तथा 2024 के आम चुनाव में भी भाजपा की संभावनाओं को बल देगी। इसमें हिन्दी पट्टी के प्रमुख राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश शामिल हैं।
राज्य में नई-नई आई आम आदमी पार्टी (आप) का अभियान काफी शांत रहा, क्योंकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच बनता दिख रहा है। चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा और कांग्रेस ने दावा किया कि वे बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं और सरकार बनाएंगे। इस बीच राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि आखिरी क्षण में शुक्रवार को घर-घर जाकर प्रचार करने से भी खेल बदल सकता है।
भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए हैं। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया। भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में 8 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट नि:शुल्क बिजली देने और 680 करोड़ रुपए के स्टार्टअप की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ठाकुर मंडी में सेराज से जबकि पूर्व भाजपा प्रमुख सत्ती ऊना से अपना भाग्य आजमा रहे हैं। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज कसुम्पटी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस के विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री हरोली से, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व प्रमुख तथा प्रचार अभियान के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से तथा कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के प्रमुख धनी राम शांडिल सोलन से चुनाव लड़ रहे हैं।
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक होने वाले मतदान के लिए कुल 7,884 मतदान केंद्र बनाए हैं जिसमें दूरदराज इलाकों में 3 पूरक मतदान केंद्र भी शामिल हैं। इनमें से 789 संवदेनशील तथा 397 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र हैं। निर्वाचन आयोग ने राज्य के लाहौल स्पीति जिले के स्पीति इलाके में काजा के ताशीगंग में सबसे अधिक ऊंचाई पर मतदान केंद्र बनाया है। यह मतदान केंद्र 15,256 फुट की ऊंचाई पर है तथा वेां 52 मतदाता हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta