Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

असुर- परास्त व्यक्तियों की अनूठी कथा

असुर- पुस्तक समीक्षा

हमें फॉलो करें असुर- परास्त व्यक्तियों की अनूठी कथा

संदीपसिंह सिसोदिया

बुराई पर अच्छाई की महागाथा रामायण के बारे में कौन नहीं जानता। अब तक हमने रामायण के बारे में अनेक कहानियां पढ़ी हैं। प्रभु श्रीराम की लंकापति रावण पर विजय के महा-अभियान के बारे में सैकड़ों ग्रंथ लिखे गए हैं। इस महाकाव्य के खलनायक रावण पर भी उत्तम रचनाएं लिखी गई हैं।

FILE


आचार्य चतुरसेन ने सबसे पहले रावण के बारे में वयं रक्षाम: लिखी थी। आचार्य चतुरसेन द्वारा लिखी इस महागाथा को रावण के बारे में लिखी गई अब तक की सबसे सर्वोतम रचना माना जाता है।

लेकिन क्या आपने रावणायण के बारे में सुना है। रावण और उसके असुर देशवासियों की पराजय और लंका के युद्ध के बाद शायद ही किसी ने असुरों के बारे में कोई चर्चा की होगी। लीस्टार्ट पब्लिशिंग प्रा. लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और आनंद नीलकांतन द्वारा लिखी गई 'असुर - परास्त व्यक्तियों की कथा' में भी रावण और असुरों की कथा का सराहनीय वर्णन किया गया है।

‘असुर’ रावण और उसके जैसे असुरों की व्यथा और महाकथा है। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। आनन्द नीलकान्तन ने अपनी इस पुस्तक के माध्यम से बिना किसी भेदभाव के रावण के नजरिए से कहानी बताने का प्रयास किया है।

लेखक ने रावण के उत्थान के बारे में वर्णन किया है कि वह किस प्रकार से त्रिकोण, लंका की राजधानी का शासक बनता है और फिर राम से वह अपना समस्त साम्राज्य हार जाता है। इस कहानी को आम आदमी के नजरिए से दिखाने के लिए लेखक ने एक पात्र की रचना की है, जिसे हम कहानी का दूसरा नायक मान सकते हैं।

यह नायक भद्र एक आम आदमी है तथा कहानी के आगे बढ़ने के साथ न सिर्फ असुर के पात्रों बल्कि वर्तमान समय के पात्रों से भी जुड़ा नजर आता है। पुस्तक में रावण के दस सिरों को मानव की मूलभूत भावनाओं- बुद्धिमत्ता के साथ गुस्से, स्वार्थ, ईर्ष्या, प्रसन्नता, दुख, भय, स्वार्थ, आवेग तथा महत्वाकांक्षा के रूप में दर्शाकर लेखक ने रावण के व्यक्तित्व को स्पष्ट बताने की ईमानदार कोशिश की है।

इस पुस्तक में कई प्रश्न भी आते हैं जो धर्म और रामायण पर एक बार फिर से विचार करने पर मजबूर करते हैं। परंतु वर्णन करने की आनन्द की सरल शैली तथा रावण और भद्र के चरित्र-चित्रण से पाठकों का कहानी के साथ तत्काल ही तादात्म्य स्थापित कर लेता है।

पुस्तक : असुर
लेखक : आनंद नीलकांतन
प्रकाशन : लीस्टार्ट पब्लिशिंग प्रा. लिमिटेड

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi