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इन ‍दिनों देश/विदेश में : संग्रहणीय पुस्तक

विश्व की समसामयिक घटनाओं पर अत्यंत उपयोगी पुस्तक

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हमें फॉलो करें इन ‍दिनों देश/विदेश में : संग्रहणीय पुस्तक
राकेश कुमार

पुस्‍तक 'इन दिनों देश/विदेश में' में लेखक ने पूरे विश्व के वर्तमान घटनाक्रमों के साथ उसके इतिहास के बारे में भी खुल कर चर्चा की है। उन्‍होंने श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय जनमत के कठघरे में, श्रीलंका में वर्तमान स्थिति के कारणों के बारे में लिखा है कि सरकार ने कभी तमिलों के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया जिसके कारण उनके मन में असंतोष पनपा और वहां तमिल आंतक शुरू हो गया।

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उसी समय प्रभाकरण चर्चा में आए। श्रीलंका सरकार और तमिलों में कई झड़प हुई और सेना के साथ युद्ध भी हुआ। इसके बाद से ही विश्व मानवाधिकार आयोग श्रीलंका पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहा है और भारत के तमिलों द्वारा भारत सरकार को इसका समर्थन करने का दवाब डाला जा रहा है। लेखक ने भारत की श्रीलंका के विरोध में न जाने के कारणों की भी बहुत ही प्रभावी ढंग से व्‍याख्‍या की है।

बर्मा:करुण कहानी बर्मा की शीर्षक में लेखक ने बर्मा के उद्‍भव,उसका इतिहास तथा भारत के साथ उसके संबंधों के बारे में विस्तार से बताया है। बर्मा से भारत के संबंधों में बौद्ध धर्म से लेकर सुभाषचंद्र बोस तक तथा 1962 में वहां ेना द्वारा तख्‍तापलट के बाद से अबतक की स्थिति की विश्लेषणपरक चर्चा की।

1982 में आंग सान सू ची का देश में चल रहे आंदोलन में कूदना और उनके नजरबंद होने की गाथा भी बताई है वहीं उनके जन्‍म के समय भारत में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों पर व्‍यंग्य किया है।

अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्रों से त्रस्‍त अफगानिस्‍तान में लेखक ने वहां महाभारत के समय के गंधार तथा चाणक्‍य सहित कई विद्वानों की जन्मस्थली और कर्मस्थली का वर्णन किया है। साथ ही उन्‍होंने अफगानिस्‍तान पर अंग्रेजों, तुर्क, मंगोल, अरब आक्रमणकारी के बाद सोवियत संघ, पाकिस्‍तान, तालिबान और अब अमेरिका के वर्चस्‍व के बारे में भी स्पष्ट किया है।

भारत द्वारा अफगानिस्‍तान में किए जा रहे कुछ विकास कार्यो के लिए भारत को बधाई तथा पाकिस्‍तान की दखलअंदाजी को गलत माना है।

लेखक ने पाकिस्‍तान की वर्तमान स्थिति और नई सरकार की चुनौतियों के बारे में भी रोचक जानकारी दी है। वहीं पूर्वी और दक्षिणी सागर में चीन और भारत े विरोधाभास और लाल आंतक की पुस्‍तक में प्रभावी चर्चा की है।

उन्‍होंने चीन के नए नेतृत्‍व के सामने आने वाली चुनौतियों का भी जिक्र किया है। दक्षिण अफ्रीका में नेल्‍सन मंडेला का उद्‍भव, जिम्‍बाब्वे में राबर्ट मुगाबे की मनमानी, लेबनान में सीरियाई आंतक, यमन में भारत की छलकती तस्‍वीर, ईरान की नए रूप में खोज, अमेरिकी आक्रमण के बाद इराक की स्थिति तथा यूरोप, एशिया सहित अमेरिका आदि देशों के बारे में ऐतिहासिक व राजनैतिक व्‍यवस्‍थाओं के साथ वर्तमान स्थिति के बारे में कुशलतापूर्वक विशेषज्ञ टिप्पणी की है।


लेखक शरद सिंगी ने विश्व की वर्तमान घटनाक्रमों की प्रस्तुति के बाद विश्व के सबसे बड़े उद्योगपति लक्ष्‍मी मित्तल, अमरगोपाल बोस पर लेखनी चलाई है। साथ ही सोने और रुपए में लगातार गिरावट के बारे में संजीदगी से कारणों को स्पष्ट किया है। उन्‍होंने स्विट्जरलैंड में विज्ञान महाअनुसंधान, भारत की मिसाईल तकनीक, विज्ञान के अंतरिक्ष अभियान के साथ मानव उद्‍भव के इतिहास के बारे में बेहद आकर्षक जानकारी दी है।

लेखक ने पुस्‍तक में पूरे विश्व के घटनाक्रमों के बारे में बताया है लेकिन लिबिया और सीरिया के वर्तमान संकटों के बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं दी है। पुस्तक में लेखक की समीक्षात्मक टिप्पणियों के माध्यम से विश्व के प्रमुख घटनाक्रमों, राजनैतिक हलचलों, सामाजिक व्यवस्था, विज्ञान व ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को जानना दिलचस्प और पठनीय है। ‍पड़ोसी मुल्क, अमेरिका, मध्य पूर्व व सुदूर पूर्व के विविध देशों के अलावा आर्थिक-जगत, विज्ञान, चिंतन आदि श्रेणियों के माध्यम से लेखक ने पुस्तक को बेहद खूबसूरती से बुना है।

पुस्‍तक : इन दिनों देश/विदेश में
लेखक : शरद चंद्र सिंगी
प्रकाशक : सुशील प्रकाशन/ 1194, भगतसिंह मार्ग, महू, पिन-453441
कीमत : (अंकित नहीं)

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